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खतरा बरकरार : जेपी सेतु पर रात में हॉरर फिल्म का नजारा, भगवान भरोसे लोग

दीघा रेल सह सड़क सेतु यानी जेपी सेतु पर रात होने के बाद इस मार्ग से चलना खतरे से खाली नहीं है। इस मार्ग पर न तो कोई रोशनी है और न ही कोई ट्रॉफिक व्यवस्था है। इससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 02:19 PM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 02:19 PM (IST)
खतरा बरकरार : जेपी सेतु पर रात में हॉरर फिल्म का नजारा, भगवान भरोसे लोग
खतरा बरकरार : जेपी सेतु पर रात में हॉरर फिल्म का नजारा, भगवान भरोसे लोग

पटना [रविशकर शुक्ला]। रात होते ही दीघा रेल सह सड़क सेतु यानी जेपी सेतु पर हॉरर फिल्म सा अंधेरा छाया रहता है। बस गूंजती है अंधेरे में हवा से बात करती गाड़ियों डरावनी आवाज। पास से जब तेज रफ्तार गाड़िया गुजरती है, तो लगता है कि पता नहीं कब हम हादसे के शिकार हो जाएं। पुल पर न तो सुरक्षा के इंतजाम है और न ही गश्त करते पुलिस के जवान नजर आते हैं।

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जागरण टीम रात 12 बजे जब पुल पर पहुंची। पाया सख्या एक पर चढ़ते ही पुल पर घनघोर अंधेरा। ट्रैफिक नियमों को ताक पर रखकर लोग बेलगाम ड्राइविग करते नजर आते हैं। अंधेरे पुल पर बेलगाम रफ्तार हादसों को न्योता देने जैसा ही है। पाया सख्या दस तक का इलाका पटना पुलिस के दायरे में है। आगे की सुरक्षा का जिम्मा सोनपुर पुलिस का है, मगर उधर भी पुलिस का गश्ती वाहन या एक भी पुलिस का जवान नजर नहीं आता। बीच पुल पर अंधेरे में अगर सयोग से आपकी गाड़ी खराब हो जाए तो फिर भगवान का ही सहारा है।

पूरे पुल पर एक भी चेक पोस्ट नहीं बनाया गया, जहा से सहायता मागी जाए। यह जरुर है कि सेतु पर कई जगह एव दोनों छोर पर चेतावनी वाला बोर्ड लगा है जिस पर लिखा है.. तेज गति, जीवन क्षति। पुल पर ओवरटेक न करें। और भी कई अनुदेश एव सदेश पर मानता कौन है। शनिवार को राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेज प्रताप की शादी के कारण सेतु पर आम दिनों की अपेक्षा कुछ ज्यादा ही चहल पहल थी।

जेपी सेतु एक नजर

- 22 दिसबर 1996 को पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा ने सोनपुर में गगा के ऊपर रेलवे पुल के निर्माण के लिए नींव का पत्थर रखा था। रामविलास पासवान उस समय रेल मत्री थे।

- वर्ष 2003 में इस रेल सह सड़क पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। तब नीतीश कुमार रेल मत्री थे।

- 13 वर्ष बाद तीन फरवरी 2016 से इस पर ट्रेन परिचालन शुरू किया गया। प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने दीघा-सोनपुर रेल सह सड़क सेतु को राष्ट्र को समर्पित किया था।

- 600 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनने वाली यह परियोजना विलम्ब होने के कारण 3,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।


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