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आतंकी व नक्सली हिंसा में मरने वालों के परिजनों को अब 5 लाख का मुआवजा

आतंकी घटनाओं, नक्सली हिंसा व क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में जान गंवाने वालों के परिजनों को अब 3 की जगह 5 लाख का मुआवजा मिलेगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 07 Jun 2017 07:53 PM (IST)Updated: Wed, 07 Jun 2017 11:01 PM (IST)
आतंकी व नक्सली हिंसा में मरने वालों के परिजनों को अब 5 लाख का मुआवजा
आतंकी व नक्सली हिंसा में मरने वालों के परिजनों को अब 5 लाख का मुआवजा

पटना [राज्य ब्यूरो]। आतंकी घटनाओं, नक्सली हिंसा व क्रॉस बॉर्डर फायरिंग में अपनी जान गंवाने वाले नागरिकों के आश्रितों को सरकार अब तीन लाख की जगह पांच लाख रुपये मुआवजा देगी। इतना ही नहीं, इस तरह की घटनाओं में स्थाई रूप से 50 प्रतिशत विकलांग होने पर भी इतनी ही राशि का भुगतान किया जाएगा।

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केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने इस आशय का संकल्प बुधवार को जारी कर दिया। अब 24 अगस्त, 2016 के बाद इस तरह की हिंसा से प्रभावित लोगों को बढ़ी हुई दर से मुआवजा राशि का भुगतान किया जाएगा।

बता दें कि पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में गृह मंत्रालय की इस अनुशंसा को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। मुआवजा राशि का शत-प्रतिशत भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। यदि किसी परिवार में एक से अधिक लोगों की मौत होती है तो उनके आश्रितों को प्रति मृतक की दर से मुआवजा दिया जाएगा।

लेकिन इस तरह की हिंसा फैलाने के आरोपितों को किसी भी प्रकार का मुआवजा देय नहीं होगा। मुआवजा न केवल भारतीय नागरिकों बल्कि प्रभावित होने वाले विदेशी व एनआरआइ को भी दिया जाएगा।

गृह विभाग द्वारा जारी संकल्प के अनुसार घटना के तत्काल बाद मुआवजे का भुगतान बिहार सरकार को करना होगा। इसके बाद मुआवजे का 70 प्रतिशत हिस्सा केंद्र तत्काल जारी कर देगा तथा शेष के 30 प्रतिशत का भुगतान बिहार सरकार को घटना के सत्यापन के बाद किया जाएगा। इस योजना के तहत वैसे लोग भी मुआवजे के हकदार होंगे जिन्हें सरकार अथवा किसी अन्य स्रोत से अतिरिक्त अनुग्रह राशि या कोई सहायता प्राप्त हो रही हो।

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डीएम की अध्यक्षता में सभी जिलों में गठित होगी समिति

मुआवजा राशि के भुगतान के लिए सभी जिलों के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें जिले के एसपी, जिला चिकित्सा पदाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला बाल एवं महिला विकास पदाधिकारी और राज्य सरकार द्वारा नामित एक अधिकारी को बतौर सदस्य शामिल किया जाएगा। यह समिति योजना के लिए पात्रता का सत्यापन करेगी।

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