अब पारिवारिक बंटवारे के दस्तावेज पर निबंधन पर शुल्क घटाने की हो रही तैयारी
पारिवारिक बंटवारे के दस्तावेज के निबंधन पर लगने वाले रजिस्ट्रेशन व स्टांप ड्यूटी को अब राज्य सरकार घटाने की तैयारी कर रही है। ताकि राजस्व में वृद्धि हो सके।
पटना [जेएनएन]। पारिवारिक बंटवारे के दस्तावेज के निबंधन पर लगने वाले रजिस्ट्रेशन व स्टांप ड्यूटी को सरकार कम करने की तैयारी में है। निबंधन महकमे के स्तर पर इस आशय का एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में पिछले दिनों निबंधन महकमे को हिदायत दी थी।
वर्तमान में यह है प्रावधान
पारिवारिक बंटवारे के दस्तावेज को निबंधित किए जाने को लेकर वर्तमान में जो प्रावधान है उसके तहत संबंधित इलाके की जमीन के निबंधन का जो शुल्क है उसकी पांच प्रतिशत राशि और स्टांप शुल्क की पांच प्रतिशत राशि जोड़कर ली जाती है। निबंधन शुल्क या फिर स्टांप ड्यूटी में जो राशि अधिक होती है उसे बाद में वापस कर दिया जाता है। इसके बाद भी बंटवारे के दस्तावेज की राशि अधिक हो जाती है। इस वजह से बंटवारे से जुड़े दस्तावेज के निबंधन की गति काफी धीमी है।
सादे कागज पर बंटवारे के दस्तावेज को तैयार किए जाने का है चलन
आपसी समझौते के तहत पारिवारिक बंटवारे का दस्तावेज आम तौर पर सादे कागज पर तैयार किए जाने का चलन है। इस पर सभी संबंधित पक्ष और गवाह आदि के हस्ताक्षर होते हैं। बहुत से मामलों में बाद इसे नकारने की बात सामने आ जाती है और मामला अदालत तक पहुंच जाता है।
मुख्यमंत्री के लोकसंवाद कार्यक्रम में आया था सुझाव
पिछले दिनों मुख्यमंत्री के लोक संवाद कार्यक्रम में इस आशय का सुझाव आया था कि बंटवारे के दस्तावेज निबंधन शुल्क को सरकार कम कर दे। पांच प्रतिशत काफी अधिक होता है। शुल्क कम हो जाने के बाद निबंधन की गति रफ्तार भी पकड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने निबंधन शुल्क का टोकेन किए जाने की दी थी हिदायत
लोकसंवाद कार्यक्रम में आए सुझाव के बाद मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद निबंधन विभाग के अधिकारियों को यह हिदायत दी थी कि बंटवारे के दस्तावेज के निबंधन शुल्क को या तो खत्म कर दिया जाए या फिर इसे टोकेन राशि के रूप में रखा जाए।