मोइनुल हक स्टेडियम का रख-रखाव अब बिहार क्रिकेट संघ के जिम्मे
बिहार क्रिकेट संघ को बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त होने और अगले साल से रणजी ट्रॉफी जैसी प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शिरकत सूबे को करने का मौका मिलने का भी सरकार ने बजट में ध्यान रखा है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। राज्य सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए इस साल बजट में कई नए प्रावधान किए हैं। बिहार क्रिकेट संघ को बीसीसीआइ से मान्यता प्राप्त होने और अगले साल से रणजी ट्रॉफी जैसी प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में बिहार को शिरकत करने का मौका मिलने का भी सरकार ने इस बजट में विशेष ध्यान रखा है। इसके लिए राजगीर में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम का निर्माण तो होगा ही, साथ ही पटना के मोइनुल हक स्टेडियम को भी सरकार ने बिहार क्रिकेट संघ के सुपुर्द कर दिया है।
सूबे में खेलों के विकास के लिए 2018-19 में कुल 139.12 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। जिसमें योजना मद में 44.40 करोड़ रुपये तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध मद में 94.72 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पिछले साल कला, संस्कृति एवं युवा कार्य विभाग के लिए 137.55 करोड़ का बजट तय किया गया था, जिसे इस साल बढ़ाकर 139.12 करोड़ किया गया है।
सरकार ने मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में प्रखंड स्तर पर 113 स्टेडियम के निर्माण कार्य पूर्ण करने के बाद अब इस तरह के 51 नए स्टेडियम के निर्माण का निर्णय लिया है। राज्य में 2018 की खेल नीति तैयार करने के लिए सरकार ने एक टास्कफोर्स का गठन कर दिया है।
राजगीर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम और खेल अकादमी की स्थापना के लिए 633 करोड़ का प्रावधान पिछले साल के ही बजट में किया गया था। अब पटना का मोइनुल हक स्टेडियम के लिए बिहार क्रिकेट एसोसिएशन से समझौता होने के बाद इसे अगले 33 साल के लिए बीसीए के सुपुर्द किया जा रहा है। सरकार ने राज्य के आठ जिलों में व्यायामशाला सह खेल भवन के निर्माण की भी घोषणा की है। जिसपर 6.61 करोड़ खर्च किए जाएंगे।