Bihar Assembly Election 2020: अब वामदलों ने दिया बीजेपी विरोधी एकजुट महागठबंधन का प्रस्ताव
बिहार विधानसभा चुनाव का यह चुनावी साल है। हर पार्टी रणनीति बनाने में जुट गई है। महागठबंधन में एका बनाने को लेकर मंथन चल रहा है। इस मामले में अब भाकपा ने प्रस्ताव दिया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। कई चुनाव में लगातार खराब प्रदर्शन से त्रस्त वाम दलों ने अब बिहार में भाजपा विरोधी एकजुट महागठबंधन का प्रस्ताव दिया है। यानी भाकपा और माकपा जैसे वामदल चाहते हैं कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष एकजुट होकर लड़ाई करे। महागठबंधन में शामिल होने का विचार इन्हें पसंद है। फिलहाल ये पार्टियां इस विवाद से अलग रहना चाहती है कि किसके चेहरे पर विधानसभा का चुनाव लड़ा जाए।
भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने गुरुवार को कहा कि जरूरी यह है कि भाजपा विरोधी सभी दल एक साथ चुनाव लड़ें। जीत की गारंटी हो जाएगी। महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव आता है। कोई बैठक बुलाई जाती है तो उनकी पार्टी जरूर शामिल होगी।
महागठबंधन के तीन दल-रालोसपा, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी ने वाम दलों को महागठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव दिया है। समाजवादी नेता शरद यादव भी इसके पक्ष में हैं। राजद के साथ भाकपा की पुरानी दोस्ती है। भाकपा के राज्य सचिव ने कहा कि विधानसभा में सीटों का सवाल अलग है। हम उम्मीद करते हैं कि एकता में यह सवाल बाधक नहीं बनेगा। उनसे पूछा गया कि क्या आप चाहेंगे कि तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए? सिंह ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है। असल मुद्दा चुनाव जीतना है। सरकार बनाने लायक सीटें मिल जाएं तो नेतृत्व का मसला आसानी से हल हो जाएगा।
उधर, माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि वाम लोकतांत्रिक दलों की एकता भाजपा गठबंधन की हार के लिए जरूरी है। माकपा इसके लिए तैयार है। यह एकता सिर्फ चुनाव लडऩे तक ही नहीं होनी चाहिए। इसका प्रयोग जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आन्दोलन में भी होना चाहिए। हम महागठबंधन में शामिल होने के प्रस्ताव का इंतजार कर रहे हैं।
भाकपा माले के वरिष्ठ नेता धीरेंद्र झा ने कहा कि भाजपा विरोधी दलों की एकता आज की जरूरत है। शीर्ष नेतृत्व से लेकर नीचे की कतारों तक में यह एकता बने, ताकि निर्णायक लड़ाई लड़ी जा सके। राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि संविधान, लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में भरोसा रखने वाली किसी पार्टी से राजद को कोई गुरेज नहीं है। वामदलों से तो पार्टी का पुराना संबंध है। इन दलों से एकजुटता के बारे में औपचारिक बातचीत भी होगी।