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महावीर मंदिर में अब उत्तर वाले गेट से होगा भक्तों का प्रवेश

पटना। राजधानी में पटना रेलवे जंक्शन के सामने स्थित महावीर मंदिर में अब भक्तों का प्रवेश उत्तर दिशा वाले गेट से होगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Jun 2019 08:53 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 08:53 PM (IST)
महावीर मंदिर में अब उत्तर वाले गेट से होगा भक्तों का प्रवेश
महावीर मंदिर में अब उत्तर वाले गेट से होगा भक्तों का प्रवेश

पटना। राजधानी में पटना रेलवे जंक्शन के सामने स्थित महावीर मंदिर में अब भक्तों का प्रवेश उत्तर वाले गेट से होगा। यह नई व्यवस्था आगामी चार जुलाई से लागू कर दी जाएगी। वर्तमान में पूर्व वाले गेट से भक्तों का प्रवेश हो रहा है। जूता रखने का काउंटर पहले की भांति पूर्व दिशा में ही रहेगा। अलबत्ता, जूता रखने की क्षमता में तीन गुना वृद्धि हो जाएगी। वर्तमान में 1500 जूते रखने के लिए स्टैंड हैं, लेकिन अब इसकी क्षमता 4500 जूतों की हो जाएगी। महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल का कहना है कि आगामी चार जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा है, उसी दिन से नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है।

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पैर धोने के बाद मंदिर में होगा प्रवेश

नई व्यवस्था के तहत अब कोई भी भक्त पैर धोने के बाद ही महावीर मंदिर में प्रवेश कर सकेगा। महिला एवं पुरुष के लिए अलग-अलग गुरुद्वारा की तरह पैर धोने की व्यवस्था की गई है। पैर धोने के बाद भक्तों को फूल-माला के काउंटर पर जाना होगा। उसके बाद नैवेद्यम लेकर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करना होगा।

पुल के नीचे होगी पार्किंग

राजधानी के एक्जीविशन रोड एवं बेली रोड की तरह स्टेशन रोड पर भी पुल के नीचे पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए सरकार से वार्ता चल रही है। पुल के नीचे पार्किंग की व्यवस्था होने से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को पार्किंग की समस्या हमेशा के लिए दूर हो जाएगी।

गरुड़ के पंख के समान होगा मंदिर का अगला हिस्सा

महावीर मंदिर के आगे का हिस्सा अब गरुड़ के पंख के समान दिखाई देगा। इसके लिए वर्तमान में शिव-पार्वती के मंदिर के सामने एक छत तैयार की जाएगी, जिसका आकार पंख की तरह होगा। इससे मंदिर की सुंदरता और बढ़ जाएगी।

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श्रद्धालुओं को मिलेगा चढ़ा हुआ प्रसाद अर्पितम्

महावीर मंदिर की नई व्यवस्था के अनुसार अब भक्तराज हनुमान को चढ़ाया हुआ प्रसाद 'अर्पितम्' भक्तों को मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए श्रद्धालुओं को मंदिर में कतार में खड़ा नहीं होना होगा। मंदिर के बाहरी हिस्से में ही इसके काउंटर लगेंगे। वहां से लोग अर्पितम् लेकर मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। अर्पितम् का वजन 200 ग्राम होगा। इसकी कीमत 58 रुपये निर्धारित की गई है। इसमें केवल एक लड्डू होगा। अब 200 ग्राम को नैवेद्यम नहीं बिकेगा। अर्पितम् से बुजुर्ग भक्तों को काफी सुविधा होगी। उन्हें प्रसाद चढ़ाने के लिए घंटों कतार में नहीं लगना पड़ेगा। अर्पितम् सुबह की आरती के दौरान ही भगवान को चढ़ा दिया जाएगा। उसके बाद दिनभर बिकता रहेगा।

नैवेद्यम के पैकेट में होगा सिंदूर मंगलम

अब नैवेद्यम के प्रत्येक पैकेट में एक सिंदूर की पुड़िया रहेगी। भक्तों को अलग से सिंदूर नहीं लेना होगा।

एक किलो से लेकर 250 ग्राम तक होगा नैवेद्यम का पैकेट

आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि नैवेद्यम का पैकेट एक किलो, 500 ग्राम एवं 250 ग्राम का पैकेट तैयार किया जाएगा। एक किलो का कीमत 264 रुपये निर्धारित किया गया है। उसी तरह 500 ग्राम का कीमत 132 रुपये होगा।


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