अब केले के पत्ते से कैंसर का इलाज संभव, पीड़ितों को मिलेगी राहत
डॉक्टरों ने एक ऐसा शोध किया है जिससे कैंसर जैसी घातक बीमारी का इलाज अब संभव है। यह केले के पत्ते पर की गई है। मतलब केले के पत्ते से कैंसर के सेल्स को त्त्म किया जा सकता है।
पटना [जेएनएन]। यदि किसी को कैंसर जैसी बीमारी हो जाए तो वह असमय ही काल के गाल के समा जाता है। कैंसर जैसी बीमारी का नाम सुनते ही उसके दिलों की धड़कन तेज होने लगती है। उसे समझ में नहीं आता है कि आखिर वह क्या करें और क्या न करें। इलाज के लिए भाग दौड़ शुरू कर देता है। कहीं कीमो कराना पड़ता है तो कहीं कैंसर का लास्ट स्टेज कह कर मरीजों को वापस भेज दिया जाता है। आपको मालूम होगा कि भारत के महान क्रिकेटर युवराज सिंह ने कैंसर को मात दी और फिर मैदान पर खेलने उतरे। दूसरी तरफ चिकित्सक यह भी कह सकते है कि यदि समय रहते कैंसर की बीमारी पकड़ में आ जाए तो संभवत: इस पर काबू पाया जा सकता है।
खैर, कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है। इसके नाम सुनते ही अच्छे अच्छे लोगों के पसीने छूटने लगते है। लेकिन खुशी की बात यह है कि हाल ही में बनारस ¨हदू विश्वविद्यालय में एक शोध किया गया। इस शोध में यह निष्कर्ष निकला कि केले के पत्ते से कैंसर जैसी बीमारी को मात दी जा सकती है। मतलब इसके जरिए कैंसर सेल्स को खत्म करके पीड़ित की जान बचाई जा सकती है। यह रिसर्च बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में डॉ. गीता राय के निर्देशन में रिसर्च स्टूडेंट खुशबू प्रिया ने की है। खुशबू करीब एक साल से इस पर टिश्यू कल्चर लैब में रिसर्च कर रही हैं। डॉ. गीता राय ने बताया कि हमने केले के पत्ते और सिल्वर नाइट्रेट से तैयार ऐसे नैनो पार्टिकल की खोज की है, जिससे कैंसर सेल्स को 40 प्रतिशत तक खत्म किया जा सकता है। ये नैनो पार्टिकल्स बिना केमिकल्स वाले हैं जिसका बॉडी पर साइड इफेक्ट नहीं होता है। यह रिसर्च कैंसर सेल लाइन और कैंसर ट्यूमर पर की गई थी जिसका रिजल्ट काफी अच्छा मिला। इस रिसर्च को इलेक्ट्रान माइक्रो स्कोपी, स्कैनिंग इलेक्ट्रो स्कोपी, ट्रासमिशन, एक्सरे डिफरेक्शन जैसी जाच के जरिए प्रूफ किया गया है। नैनो पार्टिकल तैयार करने के बाद तीन स्टेज पर रिसर्च की गई। सबसे पहले कैंसर सेल्स में नैनो पार्टिकल को छोड़ा गया। इसमें यह रिजल्ट सामने आया कि ये नैनो पार्टिकल 24 से 48 घटे में करीब 40 प्रतिशत कैंसर के सेल को खत्म कर रहा है। इस रिसर्च को नॉर्मल सेल्स पर भी किया गया। इसमें यह सामने आया कि नैनो पार्टिकल नॉर्मल सेल्स को कोई नुकसान नहीं पहुंचा रहे थे। डॉ. गीता का यह भी कहना है कि फ्यूचर में यह रिसर्च कैंसर की बीमारी कंट्रोल करने वाली दवाइया बनाने के काम आएगी।