अब आधार नंबर से जुड़ेगा आपराधिक रिकॉर्ड
फ्लैग : अपराधी की 'कुंडली' जानने को तैयार होगा पुख्ता आधार - बेउर जेल में आधार कार्ड से क
फ्लैग : अपराधी की 'कुंडली' जानने को तैयार होगा पुख्ता आधार
- बेउर जेल में आधार कार्ड से कैदियों को जोड़ने का सिलसिला शुरू
- 1500 कैदियों के घर से मंगाए जा रहे हैं आधार नंबर
- जेल में आते ही पता चल जाएगा आपराधिक इतिहास
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जागरण संवाददाता, पटना : जेल में पहुंचते ही अपराधियों के आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी अब एक क्लिक पर मिल जाएगी। बेउर जेल में बंद सभी कैदियों का आधार कार्ड बनने लगा है। आधार नंबर के साथ उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी दर्ज किया जाएगा। इससे कैदियों की सटीक पहचान सुनिश्चित हो जाएगी। वह कितनी बार जेल आया है, उसपर किस तरह के मुकदमे दर्ज हैं, यह सब अब एक क्लिक पर उपलब्ध होगा। पुलिस के लिए भी थाना स्तर पर कैदियों की विवरणी रखना आसान हो जाएगा। अपराध पर भी लगाम लगेगी। अब अपराधी अपना नाम भी बदल नहीं पाएगा। यह जानकारी जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने शनिवार को बेउर जेल में आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया का शुभारंभ करते हुए दी।
जिलाधिकारी ने कहा कि कुछ दिन पहले की बात है, एक कुख्यात अपराधी ने एक थाने से एनओसी ले ली। दूसरे आधा दर्ज थानों में उस पर मुकदमे दर्ज थे। वे एनओसी पर उसके पक्ष में फैसला देने वाले थे। तभी सिटी एसपी की नजर पड़ गई। खुलासा हो गया। आधार नंबर से जुड़ जाने के बाद ऐसी घटनाओं पर पूर्णरूप से रोक लग जाएगी।
बेउर जेल में तीन हजार कैदी हैं। इनमें 500 ने स्वीकार किया है कि उनका आधार कार्ड आज तक नहीं बना है। एक हजार कैदियों ने अपना आधार नंबर दिया है। जबकि 1500 कैदियों ने अपना आधार कार्ड बनने की बात कही है। ऐसे कैदियों के घर से उनके आधार कार्ड मंगाए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने कहा कि क्रमवार ढंग से जिले की अन्य जेलों में बंद कैदियों का भी 'आधार' बनेगा। आधार यूनीक होता है। कैदी चाहें भी तो अपना नाम बदलकर या गलत आधार बनाकर अपनी पहचान छिपा नहीं सकता है। शनिवार को आधार स्लिप भी कैदियों के बीच वितरित की गई। 10 दिनों में सभी कैदियों का आधार नंबर जेनरेट कर दिया जाएगा।
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: डीएम ने किया बेउर जेल का निरीक्षण :
पटना : जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने शनिवार को बेउर जेल का निरीक्षण किया। विगत दिनों एक कैदी द्वारा बेउर में आत्महत्या किए जाने तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के दल द्वारा उठाये गए बिंदुओं के मामले में भी उन्होंने विस्तृत जानकारी ली।
जिलाधिकारी ने पटना सदर एसडीओ और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया कि बेउर जेल का औचक निरीक्षण नियमित रूप से करते रहें। जेल के अंदर मोबाइल या किसी प्रकार का आपत्तिजनक सामान मिलने पर कारा कर्मियों की जिम्मेदारी तय करें। काराधीक्षक को निर्देश दिया कि सीसीटीवी के माध्यम से वे सतत निगरानी करें। न्यायालय में पेशी के उपरांत जेल लौटने वाले बंदियों की सघन जांच कराएं।