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बिहार: जोकीहाट विस उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी, टिकट के लिए चाचा-भतीजा में जंग

अररिया सांसद सरफराज आलम के सीट छोड़ने के बाद खाली हुए जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। नामांकन 10 मई तक चलेगा।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 03 May 2018 11:08 AM (IST)Updated: Thu, 03 May 2018 07:22 PM (IST)
बिहार: जोकीहाट विस उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी, टिकट के लिए चाचा-भतीजा में जंग

पटना [जागरण टीम]। अररिया सांसद सरफराज आलम के सीट छोड़ने के बाद खाली हुई जोकीहाट विधानसभा के लिए होने वाले उपचुनाव की अधिसूचना जारी हो गई। चुनाव में उम्मीदवारों के बीच नहीं बल्कि टिकट के लिए कहीं चाचा-भतीजा तो कहीं जीजा-साला के बीच टिकट के लिए घमासान मचा है।

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अधिसूचना जारी होने के साथ आज 11 बजे से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह 10 मई तक चलेगा। 11 मई को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी होगी। 14 मई तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकेंगे। जोकीहाट विधानसभा सीट पर 28 मई को मतदान कराया जायेगा।  31 मई को मतगणना होगी।

जीजा-साला व चाचा-भतीजा में टिकट को लेकर घमासान

जोकीहाट विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के बीच नही बल्कि कहीं चाचा-भतीजा तो कहीं जीजा-साला के बीच टिकट के लिए घमासान मचा है। राजद से टिकट के दावेदारों में जहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो. तस्लीमउद्दीन का बेटा शाहनवाज आलम व पोता आमिर फराज उर्फ गुलाब दावा ठोंक रहें हैं। वहीं जदयू के पूर्व विधायक मंजर आलम व पूर्व जिलाध्यक्ष नौशाद आलम टिकट के लिए नीतीश दरबार का चक्कर काट रहे हैं। नौशाद आलम मंजर आलम के अपने खास बहनोई हैं।

राजद की बात करें तो चार लोग खास तौर पर दावेदारी पेश कर रहे हैं। सांसद सरफराज आलम के भाई व पुत्र के अलावा 2010 में राजद से जोकीहाट विधानसभा चुनाव लड़ चुके वरिष्ठ राजद नेता अरुण यादव तथा राजद के पुराने सिपाही सह सांसद के निकट रिश्तेदार मास्टर शब्बीर अहमद भी राजद की टिकट से कुछ कम मानने को तैयार नहीं हैं।

अरूण यादव ने कहा कि सांसद को उचित फैसला करना चाहिए। हालांकि वे राजद आलाकमान से दावेदारी पेश कर दी है। उन्होंने कहा कि वे 25 वर्षो से राजद की सेवा करते रहे हैं । टिकट के लिए उनकी मजबूत दावेदारी बनती है। जदयू के नौशाद आलम ने कहा की वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लगातार संपर्क में हैं। टिकट मिलने की पूरी संभावना उन्होंने जताया।

सच ही कहा गया है कि राजनीति में न कोई किसी का दोस्त और न ही दुश्मन होता है। समीकरण बैठ गया तो दोस्त नहीं तो दुश्मन। राजनीति के जानकार ऐसी कठिन हालात में सांसद सरफराज आलम के लिए यह जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव को अग्नि परीक्षा से कम नही मान रहे हैं।

लोगों का मानना हैं कि यदि सांसद अपने पुत्र को टिकट दिलाते हैं तो भाई महाभारत को तैयार है यदि भाई को टिकट दिलाते हैं तो बेटा मानने को कतई तैयार नही। उधर राजद के कार्यकर्ता को टिकट नहीं मिलता है तो बागी उम्मीदवार के रूप में उतरने को ताल ठोंक रहे हैं। ऐसे में सबकी निगाहें सांसद सरफराज आलम पर लगी है कि आखिर सांसद पारिवारिक तालमेल व राजद के कुनबों को विद्रोही तेवर अपनाने से रोकने में कामयाब होते हैं या नही।

बता दें कि जोकीहाट के तत्कालीन विधायक सरफराज आलम जदयू छोड़ राजद में शामिल हो गए थे और फिर अररिया लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत दर्ज की। उनके द्वारा सीट छोड़ने की वजह से उप चुनाव कराया जा रहा है।

सभी बूथों पर वीवीपैट का होगा उपयोग

जोकीहाट विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने 26 अप्रैल को ही प्रेस नोट जारी किया था। इसके साथ ही संबंधित विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है। 

आयोग ने कहा है कि इस सीट पर 01.01.2018 के वोटर लिस्ट के आधार पर ही चुनाव कराये जायेंगे। सभी बूथों पर ईवीएम के साथ ही वीवीपैट का प्रयोग भी होगा। मतदाता पहचानपत्र के आधार पर ही वोट कर सकेंगे। आयोग ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर विज्ञापनों के प्रकाशन, मंत्रियों के दौरे और संबंधित चुनाव क्षेत्र में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किये हैं।


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