'चौकीदार' को न करें दरकिनार, पटना हाईकोर्ट ने किया खबरदार, जानें क्या है मामला
चौकीदार का मामला आज पूरे देश में छाया हुआ है लेकिन यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि एक चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का है। इस खबर में जानें क्या है पूरा मामला।
पटना, राज्य ब्यूरो। 'चौकीदार' को न करें दरकिनार हाई कोर्ट ने किया ख़बरदार... जी हां, मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा नहीं है, बल्कि एक साधारण चतुर्थवर्गीय कर्मचारी का है। पटना हाईकोर्ट ने तीन साल पहले जल संसाधन विभाग में कार्यरत एक चतुर्थ वर्गीय कर्मी को नियमित करने का आदेश दिया था, लेकिन जल संसाधन विभाग ने न्यायिक आदेश को कोई अहमियत नहीं दी।
हाईकोर्ट के आदेश को जब भागलपुर के मुख्य अभियंता ने ठंडे बस्ते में डाल दिया, तो उक्त चौकीदार ने अवमानना का मामला दायर किया, जिसकी सुनवाई न्यायाधीश ज्योति शरण ने गुरुवार को की।
हाईकोर्ट ने कहा कि चौकीदार के स्थायीकरण के मामले में आदेश का पालन नहीं किया गया, इसलिए मुख्य अभियंता के विरुद्ध अवमानना का मामला बनता है। याचिकाकर्ता के वकील पुरुषोत्तम कुमार दास ने कोर्ट को बताया कि कोर्ट आदेश के खिलाफ राज्य सरकार न तो अपील में गई और न ही आदेश का पालन किया।
बताते चलें कि आवेदक शिव कुमार दत्ता जल संसाधन विभाग में लंबे समय से कार्यरत हैं, लेकिन उसकी नौकरी पक्की नहीं की जा रही है। यह स्थिति तब है, जब बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। इतना ही नहीं, आवेदक से जूनियर स्टाफ को तरजीह दी गई। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी अगली सुनवाई 15 मई को निर्धारित की है। यदि उक्त तिथि तक आदेश का पालन नहीं हुआ, तो मुख्य अभियंता दंडित किए जाएंगे।