एनएमसीएच में नवजात की जिंदगी से हो रहा खिलवाड़, नीकू के चार वेंटिलेटर डेड
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल मरीजों की उम्मीद पर खरा नहीं उतर पा रहा है। यहां नवजात बच्चों का हाल तो और ज्यादा बुरा है। अस्पताल के चार वेंटिलेटर डेड होने से मरीजों को खासी परेशानी हो रही है।
पटना, जेएनएन। नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को यहां के शिशु रोग विभाग में स्थापित नवजात गहन चिकित्सा इकाई ने एक अलग पहचान दिलाई है। नीकू में भर्ती होने वाले नवजात की जिंदगी बचाने में दिन-रात लगे डॉक्टरों, नर्सों एवं कर्मियों की कोशिश सराहनीय है पर, बेहद संवेदनशील इस यूनिट की असंदेवनशील व्यवस्था से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। गंभीर रूप से बीमार नवजात की जिंदगी बचाने के लिए बेहद जरूरी चार वेंटीलेटर यहां डेड पड़ा है। केवल तीन वेंटीलेटर पर बच्चे को रख कर किसी तरह से उनकी जान बचाने का प्रयास जारी है।
वेंटिलेटर का नाम ले लौटा दिए जा रहे मरीज
अधिकांश नवजात को वेंटीलेटर खाली नहीं होने की बात कह कर यहां से लौटाया जा रहा है। नीकू में चिकित्सकीय सेवा एवं व्यवस्था किसी अच्छे प्राइवेट अस्पताल की तरह है। गरीब परिवार के नवजात का यहां बेहतर इलाज हो रहा है लेकिन व्यवस्था में कमी का खामियाजा नवजात के साथ कार्यरत डॉक्टर्स व कर्मियों को भुगतना पड़ रहा है। इनका कहना है कि नीकू के सात वेंटीलेटर में से एक लंबे समय से खराब है।
लगी रहती है परिवार वालों की भीड़
तीन अन्य वेंटीलेटर भी महीनों से डेड पड़ा है। केवल तीन वेंटीलेटर ही सही से काम कर रहा है जबकि नवजात मरीज की संख्या काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि एनएमसीएच के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में जन्म लेने वाले कमजोर बच्चे से ही वेंटीलेटर भरा रहता है। बाहर से आने वाले नवजात को यहां भर्ती कर पाना संभव नहीं होता है। नीकू के बाहर नवजात को भर्ती कराने के लिए फरियादी परिवार वालों की भीड़ लगी रहती है।
अब तक नहीं पहुंचा 12 वार्मर, 24 वार्मर और 40 मरीज
एनएमसीएच प्रशासन एवं शिशु रोग विभाग की तमाम कोशिशों के बाद भी बीएमएसआइसीएल से 12 वार्मर अभी नीकू नहीं पहुंच सका है। इसकी जानकारी देते हुए विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नीकू में अभी 24 वार्मर लगा है। मरीज नवजात की संख्या करीब 40 है। एक वार्मर पर एक से लेकर तीन नवजात तक को रख कर उसका इलाज करने की मजबूरी है। इसके लिए कई स्तर से कई तरह का दबाव डॉक्टर को झेलना पड़ता है। आवश्यक 12 वार्मर लगाने की तमाम तैयारी नीकू में कर ली गई है लेकिन वार्मर उपलब्ध कराने में बीएमएसआइसीएल स्तर से देरी हो रही है।
अधीक्षक बोले- नो कमेंट््स, दस वेंटीलेटर की जरूरत
एनएमसीएच की चिकित्सा व्यवस्था से झल्लाए अधीक्षक डॉ. चंद्रशेखर ने नीकू में चार वेंटीलेटर के डेड रहने तथा वार्मर अब तक नहीं पहुंचने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा- नो कमेंट््स। वहीं शिशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. विनोद कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि नीकू में नवजात मरीज की संख्या को देखते हुए कम से कम दस वेंटीलेटर का होना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस दिशा में प्रयास किए जाने की बात कही।