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बिहारः नीतीश को आई छात्र जीवन की याद, बोले- तब इंदिरा गांधी के खिलाफ सुनकर अच्छा नहीं लगता था

नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने तो छात्र जीवन में यह देखा है कि किस तरह से शराब पीने वाले शराब की दुकान पर भद्दी-भद्दी गाली दिया करते थे। उस समय की महिला प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) के खिलाफ बोलते थे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 05:09 PM (IST)
बिहार सीएम नीतीश कुमार और देश की पीएम रहीं इंदिरा गांधी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। नशा मुक्ति दिवस के मौके पर पटना के ज्ञान भवन में आयोजित शपथ समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री ने पुराने दिनों को भी याद किया। नतीश कुमार ने कहा कि मैंने तो छात्र जीवन में यह देखा है कि किस तरह से शराब पीने वाले शराब की दुकान पर भद्दी-भद्दी गाली दिया करते थे। उस समय की महिला प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) के खिलाफ बोलते थे। मैं तो तब उन्हें मजाक में कहता था कि मौका मिला तो सब को अंदर करा देंगे। कृपा हुई और हमें मौका भी मिल गया।अपने संबोधन के आखिर में अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि जो बच गए हैं उनका भी शपथ कराइए। शपथ  लोगों ने पढ़ी या फिर ऐसे ही कागज लेकर खड़े हो गए थे। शपथ लेंगे तो मन में बात तो आएगी ही। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मंच से ही यह पूछा कि हम उम्मीद करें न कि आप लोग इसे दिखवा लीजिएगा। हम तो यह चाहेंगे कि लोगों के मन में शराब की बुराई के प्रति भावना जाग्रत रहे। 

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स्वास्थ्य के नुकसान पर डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट पर चर्चा

नशा मुक्ति दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की 2018 में आयी उस रिपोर्ट का विशेष रूप से जिक्र किया जिसमें विश्वव्यापी सर्वे के बाद यह बताया गया है कि शराब किस हद तक खतरनाक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया में कुल मौत का 5.3 प्रतिशत कारण शराब है। वहीं 20 से 39 वर्ष के 13.5 प्रतिशत युवा ऐसे हैैं जिनकी मृत्यु की वजह मदिरापान है।  इसी तरह आत्महत्या के 15 प्रतिशत मामले की जड़ में शराब है। आपसी झगड़े का 18 प्रतिशत कारण शरा है। सड़क दुर्घटनाओं का आंकड़ा यह कहता है कि इसमें 27 प्रतिशत मामले शराब पीकर वाहन चलाने की वजह से है। लीवर सिरोसिस के 48 प्रतिशत, मुंह के कैंसर के 26 प्रतिशत, पैैंक्रियाज के 26 प्रतिशत तथा टीबी के 20 प्रतिशत मामले के मूल में शराब है।  बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद की यह रिपोर्ट है।


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