इफ्तार की सियासत: 24 घंटे में दो बार मिले CM नीतीश व मांझी, राबड़ी ने कही ये बड़ी बात
बिहार में सियासी इफ्तार का दौर चल रहा है। सोमवार की शाम जीतनराम मांझी के इफ्तार में धुर विरोधी नीतीश कुमार ने शिरकत की। इसके एक दिन पहले मांझी भी नीतीश के इफ्तार में पहुंचे थे।
By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 03 Jun 2019 07:44 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 11:15 PM (IST)
पटना [जेएनएन]। बिहार में सोमवार को एक सियासी इफ्तार में धुर सियासी विरोधी जनता दल यूनाइटेड (JDU) सुप्रीमो व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) सुप्रीमो जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) से मुलाकात हुई। जीतनराम मांझी द्वारा आयोजित इस इफ्तार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से राबड़ी देवी (Rabri Devi) सहित विपक्षी महागठबंधन (Grand Alliance) के तमाम बड़े नेताओं ने भी शिरकत की।
24 घंटे के भीतर यह दूसरा मौका था, जब नीतीश कुमार व जीतनराम मांझी की मुलाकात हुई। इसके साथ किसी सियासी खिचड़ी के पकने कर आशंका गहरा गई है। यह आशंका राबड़ी देवी के इस बयान के बाद और गहरा गई है कि उन्हें नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी पर आपत्ति नहीं है।
दो दिनों में दूसरी बार मिलेंगे नीतीश-मांझी
सोमवार की शाम 'हम' सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी रखी। इसमें विपक्षी महागठबंधन के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। अारजेडी की तरफ से सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) भी इसमें शामिल हुए।
इसके पहले रविवार को पटना के हज भवन में आयोजित जेडीयू की इफ्तार पार्टी में जीतन राम मांझी अचानक पहुंच गए थे। इसे लेकर नये सियासी समीकरण को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया। जेडीयू के इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी का स्वागत किया। उधर, जेडीयू के इफ्तार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता नहीं पहुंचे।
मांझी के नीतीश कुंमार के इफ्तार में पहुंचने के सियासी मायने निकाले ही जा रहे थे कि अब सोमवार को नीतीश कुमार भी मांझी की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचे।
राबड़ी-तेज प्रताप से नहीं हो सकी मुलाकात
मांझी की इफ्तार पार्टी में आरजेडी की तरफ से राबड़ी देवी भी पहुंचीं। उनके साथ तेज प्रताप यादव भी थे। ऐसे में नीतीश कुमार की राबड़ी देवी से भी मुलाकात तय मानी जा रही थी। लेकिन नीतीश कुमार उनके (राबड़ी देवी व तेज प्रताप यादव) के जाने के बाद पहुंचे।
नीतीश के स्वागत को तैयार महागठबंधन
नीतीश कुमार के आने के पहले राबड़ी देवी चलीं गईं, लेकिन उन्होंने जाते-जाते बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन इसका फैसला महागठबंधन मिलकर करेगा। जीतन राम मांझी ने भी कहा कि यदि बीजेपी को परास्त करने के लिए नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते हैं तो सहयोगियों के साथ मिलकर वे स्वयं इसके लिए प्रयास करेंगे। यदि नीतीश कुमार की सहमति होती है तो वे महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बैठक कर आगे का प्रस्ताव तैयार करेंगे।
शुरू हो गया सियासी कयासों का दौर
नीतीश कुमार व जीतनराम मांझी की लगातार दो दिनों की दो मुलाकातों तथा मांझी व राबड़ी देवी के बयानों को लेकर सियासी कयासबाजी शुरू है। इन कयासों को लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi Government) में जेडीयू के एक सीट की प्रतीकात्मक हिस्सेदारी से इनकार तथा इसके बद बिहार में कैबिनेट विस्तार में बीजेपी व लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को जगह नहीं देने से हवा मिली है। हालांकि, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में 'अॉल इज वेल' का दावा कर चुके हैं। महागठबंधन के नेता भी अपनी एकता का दावा कर रहे हैं।
सियासी बयानबाजी तेज
विपक्ष के नेताओं के बयान सियासी कयासों को हवा दे रहे हैं। अारजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं कि बीजेपी से मुकाबला के लिए नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आ जाना चाहिए। आरजेडी के शिवानंद तिवारी ने कहा कि मांझी बिहार के बड़े नेता हैं और वे सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा मानते हैं कि बीजेपी से आहत नीतीश कुमार इफ्तार के बहाने सियासी संदेश्ा दे रहे हैं। बीजेपी-जेडीयू के बीच गांठ पड़ गई है, जो कांग्रेस के लिए आनंद का विषय है।
उधर, जेडीयू ने अपनी सधी प्रतिक्रिया में नीतीश-मांझी की मुलाक़ात को शिष्टाचार मुलाक़ात बताया है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इफ्तार के सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
24 घंटे के भीतर यह दूसरा मौका था, जब नीतीश कुमार व जीतनराम मांझी की मुलाकात हुई। इसके साथ किसी सियासी खिचड़ी के पकने कर आशंका गहरा गई है। यह आशंका राबड़ी देवी के इस बयान के बाद और गहरा गई है कि उन्हें नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी पर आपत्ति नहीं है।
दो दिनों में दूसरी बार मिलेंगे नीतीश-मांझी
सोमवार की शाम 'हम' सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने अपने आवास पर इफ्तार पार्टी रखी। इसमें विपक्षी महागठबंधन के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे। अारजेडी की तरफ से सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की पत्नी व पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी तथा तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) भी इसमें शामिल हुए।
इसके पहले रविवार को पटना के हज भवन में आयोजित जेडीयू की इफ्तार पार्टी में जीतन राम मांझी अचानक पहुंच गए थे। इसे लेकर नये सियासी समीकरण को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया। जेडीयू के इफ्तार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी का स्वागत किया। उधर, जेडीयू के इफ्तार में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता नहीं पहुंचे।
मांझी के नीतीश कुंमार के इफ्तार में पहुंचने के सियासी मायने निकाले ही जा रहे थे कि अब सोमवार को नीतीश कुमार भी मांझी की इफ्तार पार्टी में शिरकत करने पहुंचे।
राबड़ी-तेज प्रताप से नहीं हो सकी मुलाकात
मांझी की इफ्तार पार्टी में आरजेडी की तरफ से राबड़ी देवी भी पहुंचीं। उनके साथ तेज प्रताप यादव भी थे। ऐसे में नीतीश कुमार की राबड़ी देवी से भी मुलाकात तय मानी जा रही थी। लेकिन नीतीश कुमार उनके (राबड़ी देवी व तेज प्रताप यादव) के जाने के बाद पहुंचे।
नीतीश के स्वागत को तैयार महागठबंधन
नीतीश कुमार के आने के पहले राबड़ी देवी चलीं गईं, लेकिन उन्होंने जाते-जाते बड़ी बात कह दी। उन्होंने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी पर कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन इसका फैसला महागठबंधन मिलकर करेगा। जीतन राम मांझी ने भी कहा कि यदि बीजेपी को परास्त करने के लिए नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होते हैं तो सहयोगियों के साथ मिलकर वे स्वयं इसके लिए प्रयास करेंगे। यदि नीतीश कुमार की सहमति होती है तो वे महागठबंधन के अन्य सहयोगियों के साथ बैठक कर आगे का प्रस्ताव तैयार करेंगे।
शुरू हो गया सियासी कयासों का दौर
नीतीश कुमार व जीतनराम मांझी की लगातार दो दिनों की दो मुलाकातों तथा मांझी व राबड़ी देवी के बयानों को लेकर सियासी कयासबाजी शुरू है। इन कयासों को लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार (PM Modi Government) में जेडीयू के एक सीट की प्रतीकात्मक हिस्सेदारी से इनकार तथा इसके बद बिहार में कैबिनेट विस्तार में बीजेपी व लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) को जगह नहीं देने से हवा मिली है। हालांकि, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में 'अॉल इज वेल' का दावा कर चुके हैं। महागठबंधन के नेता भी अपनी एकता का दावा कर रहे हैं।
सियासी बयानबाजी तेज
विपक्ष के नेताओं के बयान सियासी कयासों को हवा दे रहे हैं। अारजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह कहते हैं कि बीजेपी से मुकाबला के लिए नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आ जाना चाहिए। आरजेडी के शिवानंद तिवारी ने कहा कि मांझी बिहार के बड़े नेता हैं और वे सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा मानते हैं कि बीजेपी से आहत नीतीश कुमार इफ्तार के बहाने सियासी संदेश्ा दे रहे हैं। बीजेपी-जेडीयू के बीच गांठ पड़ गई है, जो कांग्रेस के लिए आनंद का विषय है।
उधर, जेडीयू ने अपनी सधी प्रतिक्रिया में नीतीश-मांझी की मुलाक़ात को शिष्टाचार मुलाक़ात बताया है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इफ्तार के सियासी मायने नहीं निकाले जाने चाहिए।
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