मंत्री बिजेंद्र के पत्र के बाद नीति आयोग सक्रिय, केंद्र ने बिजली के बकाए मद में बिहार को दिए 489 करोड़
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के पत्र के बाद आयोग सक्रिय हुआ। इससे पहले योजना एवं विकास विभाग ने 12वीं योजना के लिए स्वीकृत राशि के इस बकाए की मांग की थी। बिजली परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार चार सौ 89 करोड़ देने जा रही है।
राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य की लंबित बिजली परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार 489 करोड़ देने जा रही है। नीति आयोग ने केंद्र से यह रकम जारी करने की सिफारिश की है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के पत्र के बाद आयोग सक्रिय हुआ। इससे पहले योजना एवं विकास विभाग ने 12वीं योजना के लिए स्वीकृत राशि के इस बकाए की मांग की थी। योजना एवं विकास विभाग के प्रस्ताव के मुताबिक यह राशि नए पावर ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण एवं ट्रांसमिशन लाइन पर पर खर्च होगी। चंदौती-बाराचट्टी ट्रांसमिशन लाइन की संरचना में सुधार मद में भी कुछ राशि का उपयोग होगा। मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बकाया रुपये देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया है।
असल में यह बकाया लंबे समय से चल रहा था। केंद्र सरकार ने 10वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य के लिए विशेष अनुदान घोषित किया था। कुछ परियोजनाएं 12वीं पंचवर्षीय योजना तक चली। केंद्र सरकार ने अप्रैल 2013 में 12 हजार करोड़ रुपये का प्राविधान किया। इनमें से डेढ़ हजार करोड़ रुपया बिजली पुराने प्रोजेक्ट के लिए था। साढ़़े 10 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था नए प्रोजेक्ट के लिए की गई थी। इनमें से कुल 902 करोड़ रुपये का भुगतान (सड़क मद में 391.37 और बिजली मद में 491. 37 करोड़) लंबित रह गया था। बिजेंद्र यादव की निरंतर कोशिशों के बाद केंद्र सरकार बिजली मद के बकाए के भुगतान के लिए राजी हुई। नीति आयोग ने राज्य सरकार से नए प्रोजेक्ट का प्रस्ताव मांगा। योजना एवं विकास विभाग ने पिछले साल सितंबर में नए पावर ग्रिड सब स्टेशन का प्रस्ताव भेजा। फिर भी राशि नहीं आ रही थी। ऊर्जा मंत्री ने पिछले साल के दिसंबर में एक पत्र के जरिए इस राशि की मांग की थी।
इन परियोजनाओं पर होगा खर्च
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि इस से पश्चिम चंपारण जिला के बगहा, गया जिला के भोरे एवं बाराचट्टी तथा औरंगाबाद जिला के दाउदनगर एवं नवीनगर में 132/33 केवी ग्रिड एवं उससे जुड़ी ट्रासमिशन लाइन का निर्माण होगा। इन परियोजनाओं के लिए एजेंसियों का चयन हो गया है। उन्हें काम करने का आदेश भी दे दिया गया है। ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने कहा कि इन परियोजनाओं के निर्माण होने से पश्चिमी चंपारण, गया एवं औरंगाबाद जिले में बिजली की व्यवस्था और सुगम होगी।