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चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार शोध होना जरूरीः मंगल पांडेय Patna News

पटना के होटल मौर्या में इंडियन एकेडमी ऑफ नेफ्रोलॉजी की ओर से राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। तीन दिवसीय कार्यक्रम का आज दूसरा दिन है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 09:40 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 09:40 AM (IST)
चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार शोध होना जरूरीः मंगल पांडेय Patna News
चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार शोध होना जरूरीः मंगल पांडेय Patna News

पटना, जेएनएन। चिकित्सा विज्ञान क्षेत्र में हर दिन नए-नए शोध हो रहे हैं। डॉक्टरों की जिम्मेवारी है कि वे लोगों में जागरुकता फैलाएं। इससे लोग स्वस्थ होंगे और बिहार स्वस्थ बनेगा। ये बातें शुक्रवार को इंडियन एकेडमी ऑफ नेफ्रोलॉजी की ओर से होटल मौर्या में आयोजित 14वें तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहीं।

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उन्होंने कहा कि बिहार में किडनी का ट्रासप्लाट तेजी से हो रहा है। आइजीआइएमएस में अबतक 62 किडनी ट्रासप्लाट हुआ है। डॉ. एससी दास ने कहा कि नेफ्रोलोजी के क्षेत्र में काम करने वाले सभी डॉक्टर को हमेशा नई तकनीक और रिसर्च के बारे में अपडेट रहने की जरूरत है। अतिथियों का स्वागत आयोजन सचिव डॉ. पंकज हंस ने किया।

बिहार के डॉक्टरों का नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में बड़ा योगदान

डॉ. एसके शर्मा ने कहा कि इंडियन एकेडमी ऑफ नेफ्रोलॉजी को इस क्षेत्र में लगातार शोध करते रहने की जरूरत है जिससे लोगों के स्वास्थ्य में सुधार हो सके। दिल्ली एम्स के डॉ. एसके अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य नेफ्रोलॉजी संबंधित बीमारियों के बारे में जागरुकता फैलाना है। आइजीआइएसएस के डॉक्टर ओम कुमार ने कहा कि यह नेफ्रोलॉजी का एेसा प्लेटफॉर्म है जहां पर नेफ्रोलॉजी सम्बंधित सभी बीमारियों पर बात हुई। डॉक्टर आर कासी विश्वेशरण ने कहा की बिहार ज्ञान की धरती है। यहां के डॉक्टर का नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में बड़ा योगदान हैं। यह कॉन्फेंस नेफ्रोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे बदलाओं को समझने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इससे पूर्व साइंटिफिक सत्र में पद्मश्री डॉ. आइबी सिन्हा ने किडनी की बीमारियों व उपचार के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. जितेन्द्र ने डायलिसिस और शशीधर श्री निवास ने हाइपोनोय्रोमीया के बारे में पेपर प्रस्तुत किया। साइंटिफिक सत्र में डॉ. रत्‍‌न झा, डॉ. जितेन्द्र, डॉ. ओम कुमार, डॉ. आर कासी विश्वेशरण, डॉ. नारायण प्रसाद, डॉ. लक्ष्मीकात झा, डॉ. तरुण सहित देश के कई नेफ्रोलॉजिस्ट ने विचार व्यक्त किए।


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