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बिहारः सीबीएसई के नए पैटर्न में अब 10% अधिक पूछे जाएंगे विषय आधारित सवाल, इसी सत्र से शुरुआत

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) के नए पैटर्न से बच्चों में विषय के प्रति समझ बढ़ेगी। अब विषय आधारित सवाल दस फीसद अधिक पूछे जाएंगे। पहले इस तरह के सवाल दस अंकों के होते थे लेकिन नई शिक्षा नीति में उसे बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 10:23 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 10:23 PM (IST)
बिहारः सीबीएसई के नए पैटर्न में अब 10% अधिक पूछे जाएंगे विषय आधारित सवाल, इसी सत्र से शुरुआत
सीबीएसई के नए पैटर्न से बच्चों में विषय के प्रति समझ बढ़ेगी। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, पटना: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) के नए पैटर्न से बच्चों में विषय के प्रति समझ बढ़ेगी। अब विषय आधारित सवाल दस फीसद अधिक पूछे जाएंगे। पहले इस तरह के सवाल दस अंकों के  होते थे, लेकिन नई शिक्षा नीति में उसे बढ़ाकर 20 फीसद कर दिया गया है। नए पैटर्न के आधार पर इसी सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए स्कूलों ने तैयारी शुरू कर दी है। 

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पढ़ने एवं समझने की क्षमता विकसित होती है

सीबीएसई पाटलिपुत्र सहोदय के अध्यक्ष डॉ. राजीव रंजन सिन्हा का कहना है कि सीबीएसई द्वारा किए गए बदलावों को लेकर बच्चों की शिक्षा में गुणात्मक सुधार होगी। विषय आधारित सवाल पूछने से बच्चों को किसी भी विषय को पढ़ने एवं समझने की क्षमता विकसित होती है। 

नए पैटर्न पर इसी सत्र से होगी पढ़ाई

पाटलिपुत्र सहोदय के पूर्व कोषाध्यक्ष एके नाग का कहना है कि सीबीएसई के बदले पैटर्न से इसी सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को निर्देश दिया गया है। उसे नए पैटर्न पर ही बच्चों को शिक्षित करेंगे ताकि अगले सत्र के लिए बच्चों को तैयार किया जा सके। 

रटने की आदत पर लगेगी लगाम 

एसोसिएशन ऑफ पब्लिक स्कूल्स के अध्यक्ष डॉ. सीबी सिंह का कहना है नई शिक्षा नीति समय की मांग है। उसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। उसे शिक्षकों एवं बच्चों का स्वागत करना चाहिए। नई शिक्षा नीति में समझ आधारित पैटर्न को काफी महत्व दिया गया है। इससे बच्चों को रटने के आधार पर पाठ याद करने की प्रवृति में कमी आएगी। बच्चों में एक बार जब विषय को समझने और सवालों का हल करने की प्रवृत्ति विकसित हो जाएगी तो उसका उपयोग कहीं पर भी कर सकते हैं। यह पद्धति बच्चों को जीवनभर काम आएगी। फिलहाल नए पैटर्न के आधार पर इसी सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए स्कूलों ने तैयारी शुरू कर दी है। 


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