समझौते व सहमति से नहीं, संसद के कानून से बनेगा राममंदिर : तोगड़िया
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर न समझौते से बनेगा, न आपसी सहमति से। यह संसद के कानून से ही अस्तित्व में आएगा।
पटना [राज्य ब्यूरो ]। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडिया ने कहा है कि राम मंदिर न कोर्ट के फैसले से बनेगा और न ही आपसी सहमति के आधार पर। यह तो संसद के कानून से बनेगा। यह बात तोगड़िया ने शनिवार को यहां विहिप के केंद्रीय प्रबंध समिति बैठक में कही।
संवाददाताओं से बात चीत करते हुए तोगड़िया ने कहा कि संसद ही कानून बनाकर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता प्रशस्त करेगी। कहा कि मोदी सरकार को अभी दो साल हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में ही संसद राममंदिर के संबंध में कानून पारित कर देगी।
तोगड़िया ने कहा कि विहिप ने आज की केंद्रीय समिति बैठ क में तीन प्रस्ताव पास किए हैं। इसमें गली-मुहल्लों व शहरों व गांवों के खास इलाके से हिंदुओं का पलायन रोकने के लिए उचित कदम उठाने पर चर्चा हुई है। एेसी घटनाएं सीधे-सीधे मानवाधिकार का उल्लंघन हैं।
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दूसरे प्रस्ताव के बारे में बताया कि मंदिरों में अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को प्रवेश नहीं मिलना दुखद स्थिति है। विहिप इसके पक्ष में है कि मंदिरों तक सबकी पहुंच होनी चाहिए। परिषद इसके लिए अभियान चला रही है। सहभोज के आयोजन होंगे।
कहा कि किसान अन्नदाता हैं। उनकी हालत सुधरे बिना देश की हालत नहीं सुधरेगी। इसलिए किसानों पर विशेष ध्यान का प्रस्ताव है। इसके लिए गोवंश संवर्द्धन को लेकर भी काम होगा। प्रेस वार्ता के समय विहिप के राघव रेड्डी और सुरेंद्र जैन भी मौजूद रहे।
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