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बिहार में 71 फीसद बुजुर्ग कोरोना वैक्‍सीन की दूसरी डोज लेने नहीं पहुंचे, ऐसे लोग खुद के लिए घातक

चिकित्साकर्मी फ्रंटलाइन वर्कर 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले दूसरी डोज लेने नहीं पहुंचे टीकाकरण केंद्र 16 जनवरी से चिकित्साकर्मियों छह फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर एक मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों का शुरू हुआ था टीकाकरण

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 07:58 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 09:11 PM (IST)
कोरोना वैक्‍सीन की दूसरी डोज लेने में लापरवाही। प्रतीकात्‍मक फोटो

पवन कुमार मिश्र, पटना। कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Coroanvirus) से बचाव के एकमात्र विकल्प टीका की दूसरी डोज के लिए 66 फीसद जिले के लोग केंद्र पर नहीं पहुुंचे हैं। इनमें 13 हजार से अधिक चिकित्सक, 30 हजार से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर तथा एक लाख 92 हजार बुजुर्ग शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार प्रदेश में 16 जनवरी को चिकित्साकर्मियों, छह फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर तथा एक मार्च से 60 वर्ष से अधिक उम्र वालों का टीकाकरण शुरू हुआ था। 71 फीसद बुजुर्ग दूसरी डोज नहीं लिए हैं। दूसरी डोज लेने में युवा वर्ग सबसे आगे हैं।

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किसी भी केंद्र पर ले सकते हैं वैक्‍सीन की दूसरी डोज 

सिविल सर्जन डा. विभा कुमारी सिंह ने बताया कि कोविशील्ड की दूसरी डोज 84 दिन बाद दी जानी है। दूसरी डोज लेने वालों को परेशानी नहीं हो इसलिए केंद्रों पर उन्हें प्राथमिकता दी जाती है। वे किसी भी केंद्र पर दोनों वैक्सीन की दूसरी डोज ले सकते हैं। टेलीकाउंसिलिंग, मैसेज सहित विविध माध्यम से लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। अबतक जिले में 31 लाख 80 हजार 827 वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। इसमें से 23 लाख 78 हजार 274 को पहली और आठ लाख दो हजार 553 लोगों को दूसरी डोज दी गई है। पहली डोज लेने वाले 15 लाख 75 हजार 721 लोगों ने अबतक दूसरी डोज नहीं ली है। तीन श्रेणियों के 10 लाख 29 हजार 434 लोगों ने वैक्सीन की पहली और चार लाख 60 हजार 66 लोगों ने दूसरी डोज ली है। 

दूसरी डोज नहीं लेना घातक  

एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि जो लोग समय पर कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ले रहे हैं, यह न केवल उनके लिए घातक है, बल्कि वे दूसरों के लिए भी खतरा बन रहे हैं। पहली डोज से विकसित एंटीबाडी कुछ समय में समाप्त हो जाती है। इससे वे आसानी से संक्रमित हो सकते हैं। चूंकि, वह वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं ऐसे में हो सकता है उनमें गंभीर लक्षण नहीं उभरें, ऐसे में दूसरों को अनजाने में संक्रमण बांटते रहेंगे। 

श्रेणी,                 पहली डोज,    दूसरी डोज, अंतर, प्रारंभ की अवधि

चिकित्साकर्मी,          82703          68921     13782,         210 

फ्रंटलाइन वर्कर,        80683         50617      30066         180 

18 से 44 आयुवर्ग,  1348840      233185   1115655          93 

45 से 59 आयुवर्ग,   541703       318218     223485        162

60 वर्ष से अधिक     324345       131612    192733         162

टीका की दोनों डोज जरूरी है। किसी तरह का संशय हो तो चिकित्सक को बताएं। समय पर दूसरी डोज नहीं लेना खतरनाक कदम है। हमारे संस्थान के सभी चिकित्साकर्मी व छात्र-छात्राएं दोनों डोज ले चुके हैं। अवधि पूरी होने के बाद भी दूसरी डोज नहीं लिए हैं तो  तत्काल नजदीक के केंद्र पर जाकर लें। 

डा. प्रभात कुमार सिंह, निदेशक, एम्स पटना।   

प्रमुख कारण :

  • पहली डोज लेने के दौरान कुछ लोगों के संक्रमित होने को लेकर भ्रम  
  • डोज लेने के बाद बुखार और शरीर में दर्द की शिकायत
  • बुजुर्ग को केंद्र पर जाने में होने वाली परेशानी
  • टीकाकरण केंद्रों पर 18 से 44 आयुवर्ग की उमडऩे वाली भीड़
  • पहली डोज से भी काफी हद तक सुरक्षा मिलने का भ्रम 
  • कोविशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज में 84 दिन का अंतर होना। 

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