बिहार में मकर संक्रांति पर भी सियासत, बयानों के केंद्र में रहे लालू प्रसाद
बिहार में मकर संक्रांति पर भी खूब राजनीति हुई। नेताओं के बयान के केंद्र में लालू प्रसाद ही रहे। नजर डालते हैं आइए देखते हैं मकर संक्रांति पर लालू को घेरते कुछ राजनीतिक बयान।
पटना [जेएनएन]। मकर संक्रांति हमारी संस्कृति से जुड़ा पर्व है। राजनेता भी मानते हैं कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए। लेकिन, बिहार में राजनीतिक दलों के चूड़ा-दही भोज में सियासी तड़का खूब देखने को मिला। एनडीए नेताओं के बयान के केंद्र में लालू प्रसाद ही रहे। उनके भोज से विपक्षी महागठबंधन के बड़े चेहरे भी नदारद हैं। आइए नजर डालते हैं मकर संक्रांति पर लालू को घेरते कुछ सियासी बयानों पर...
- सुशील मोदी (उपमुख्यमंत्री) : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह से हमारा 50 साल पुराना संबंध है। उन्होंने बुलाया तो हम आए। बिहार में आज कोई राजनीतिक टकराहट नहीं है। एक साल पहले ऐसे ही भोज में लालू प्रसाद यादव द्वारा नीतीश कुमार को दही का टीका लगाने की बाबत पूछने पर कहा कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
- जीतनराम मांझी (पूर्व मुख्यमंत्री व एनडीए नेता): सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पिछले मकर संक्रांति के दिन लालू प्रसाद द्वारा दही का टीका लगाने और इस साल एनडीए के साथ संक्रांति की बाबत पूछने पर कहा कि सुबह से शाम व शाम से सुबह होती ही है। हम भविष्य की बात भी नहीं कर सकते। हमें वर्तमान में देखना चाहिए।
- मंगल पांडेय (स्वास्थ्य मंत्री व भाजपा नेता): मकर संक्रांति का पर्व दलीय सीमाओं में नहीं बांधना चाहिए। यह हमारी संस्कृति है। जहां तक लालू प्रसाद की बात है, वे आज के हालात के लिए खुद दोषी हैं। लालू आज परिवार के साथ दही-चूड़ा खा रहे होते, लेकिन वे व उनका परिवार स्थित के लिए खुद दोषी हैं।
- रामविलास पासवान (केंद्रीय मंत्री व एनडीए नेता): लालू प्रसाद यादव सहित सभी को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं। कानून में जो जैसा करेगा, वैसा फल मिलेगा। इसलिए लालू आज जेल में हैं।