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NCRB की रिपोर्ट: क्राइम कैपिटल बना पटना; हत्या के मामले में नंबर वन, हर दिन एक का मर्डर

बिहार की राजधानी क्राइम कैपिटल होती जा रही है। एनसीआरबी से जारी रिपोर्ट के मुताबिक पटना में हर दिन एक की हत्या होती है। मर्डर के मामले में पटना देश में अव्वल है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 15 Jan 2020 08:53 AM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 08:39 PM (IST)
NCRB की रिपोर्ट: क्राइम कैपिटल बना पटना; हत्या के मामले में नंबर वन, हर दिन एक का मर्डर
NCRB की रिपोर्ट: क्राइम कैपिटल बना पटना; हत्या के मामले में नंबर वन, हर दिन एक का मर्डर

पटना, जेएनएन। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जहां देश में हर दिन मर्डर का आंकड़ा बढ़ रहा है तो पटना इसमें टॉप पर पहुंच गया है। वर्ष 2018 में बिहार में 29 सौ से अधिक लोगों की हत्या हुई। प्रॉपर्टी और विवाद में हत्या हुई, लेकिन प्रतिशोध, अवैध संबंध और प्रेम-प्रसंग में भी कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 2018 में अवैध संबंध में जहां 112 हत्याएं हुईं, वहीं प्रेम-प्रसंग में 269 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। प्रेम प्रसंग और अवैध संबंध में तो हर दिन एक की जान जा रही है, जबकि 158 हत्याएं ऐसी हुईं, जिसके पीछे वजह आज तक पुलिस तलाश नहीं सकी है।

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तीन साल में 8818 लोगों की हुई हत्या

एनसीआरबी की रिपोर्ट की मानें तो बिहार में वर्ष 2016 में 2581, 2017 में 2803 और 2018 में कुल 2934 लोगों की हत्या हुई है। इस तरह पिछले तीन साल में कुल 8818 लोगों की हत्या हुई है।

राजधानी में तीन साल में गिरा ग्राफ

आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी पटना में हत्या के आंकड़ों का ग्राफ पिछले तीन साल में कम हुआ है। वर्ष 2016 में 195, 2017 में 183 और 2018 में 91 लोगों की हत्या हुई। वर्ष 2018 में पटना में प्रतिशोध में 22 लोगों की जान गई तो प्रेम-प्रसंग में आठ लोगों की हत्या कर दी गई। 91 लोगों में सबसे अधिक हत्या 18 से 30 साल के उम्र के लोगों की हुई।

पहले स्थान पर पटना

रिपोर्ट के अनुसार पटना में हर एक लाख व्यक्ति पर साल 2018 में 4.4 लोगों की हत्या हुई, जबकि जयपुर में यह आंकड़ा एक लाख 3.3, जबकि लखनऊ में प्रति लाख 2.9 लोगों की हत्या हुई है।

158 हत्या के मामले में अब तक नहीं मिला सुराग

वर्ष 2018 में अधिकांश हत्या के पीछे पुलिस ने कारण तलाश लिया और 80 फीसद में गिरफ्तारियां भी हुईं, मगर 158 हत्या के मामले में ऐसे हैं, जिसमें पुलिस को कोई क्लू नहीं मिल रहा। हत्या के पीछे वजह तो दूर वारदात में कौन शामिल था। इसके बारे में पुलिस कोई सुराग नहीं खोज सकी।


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