लड़कों को समझायें, लड़कियों को बहुत समझा चुके
लड़कियां उत्पात नहीं मचातीं, लड़के कानून तोड़ते हैं।
पटना। 'लड़कियां उत्पात नहीं मचातीं, लड़के कानून तोड़ते हैं। वे लोग अपनी ही बहन और बेटियों पर अत्याचार कर रहे हैं। अब लड़कों को समझाने की जरूरत है। लड़कियों को बहुत समझा चुके। समाज का भी दायित्व बनता है कि इन सब चीजों पर सख्ती बरते।' उक्त बातें राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सुपौल के कस्तूरबा विद्यालय में कुछ लड़कों द्वारा घुसकर लड़कियों के साथ मारपीट करने की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहीं। वे एक दिन के बिहार दौरे पर आई थीं। प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि वे केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा करने और आयोग द्वारा महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निष्पादन में विलंब को लेकर डीजीपी से मुलाकात करने के लिए बिहार आई हैं। बिहार सरकार द्वारा संचालित अनाथालय 'अपना घर' में उन्होंने योजनाओं की समीक्षा की। इसमें समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव सहित अन्य लोग मौजूद थीं। इसके बाद वे महिला हेल्पलाइन भी गई जहां नंबर काम नहीं करने पर नाराजगी जाहिर की। वहां से डीजीपी से मिलकर आयोग द्वारा वर्ष 2014 से लेकर अभी तक भेजे गए लगभग साढ़े छह सौ लंबित केसों के निपटारे को लेकर बातचीत की। उन्होंने इसके लिए एक नोडल ऑफिसर बनाने का सुझाव दिया जो आयोग द्वारा भेजे गए केसों पर त्वरित कार्रवाई कराकर मेल से आयोग को सूचित करे। इसके अलावा अध्यक्ष ने विधवा और वृद्धा पेंशन समय से नहीं मिलने पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने विधवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित करने का भी सुझाव दिया। राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. उषा विद्यार्थी ने एक मांग पत्र सौंपा। इस दौरान राज्य महिला आयोग की अध्यक्षा दिलमणि मिश्र सहित अन्य सदस्य मौजूद थीं।