मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: दोषी ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई, जानिए क्या थी घटना
मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण व दुष्कर्म मामले में उम्रकैद के सजायाफ्ता ब्रजेश ठाकुर की याचिका पर मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। क्या था यह मामला जानिए इस खबर में।
पटना, जेएनएन। बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न के मामले में निचली अदालत के फैसले को मुख्य दोषी ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। इसपर कोर्ट में मंगलवार को
सीबीआइ (CBI) ने जवाब दाखिल किया। सीबीआइ ने अपने जवाब में याचिका को खारिज करने की अपील की। इसके बाद कोर्ट ने 15 सितम्बर के लिए सुनवाई टाल दी। दिल्ली के साकेत कोर्ट ने इस मामले में ब्रजेश ठाकुर सहित 19 अन्य दोषियों को बीते 12 फरवरी को सजा सुनाई थी। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा दी गई है।
सीबीआइ ने दाखिल किया जवाब
ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली के साकेत कोर्ट के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इसपर पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। इस सिलसिले में सीअीआइ ने जवाब दाखिल किया है। अपने जवाब में सीबीआइ ने ब्रजेश ठाकुर की याचिका का कोई आधार नहीं होने की बात ककरते हुए इसे खारिज करने की अपील की है।
टिस की रिपोर्ट से खुलासा
विदित हो कि टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल सांइसेज (TISS) के विंग ‘कोशिश’ की सोशल ऑडिट रिपेार्ट में बिहार के विभिन्न शेल्टर होम में बड़े पैमान पर उत्पीड़न का खुलासा हुआ था। इसी रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 40 से अधिक बच्चियों के यौन शोषण की चर्चा थी। रिपोर्ट में नाबालिग बच्चियों ने रोंगटे खड़ कर देने वाली बातें बतायी थीं। गृह में नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म सहित अन्य वीभत्स घटनाओं को अंजाम दिया जाता था।
सीबीआइ को सौंपी गई जांच
रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही बवाल मच गया था। इसके बाद 31 मई 2018 को मुजफ्फरपुर महिला थाने में घटना की एफआआर दर्ज की गई। मामले ने राजनीति तूल पकड़ा और विधानसभा से लेकर लोकसभा तक विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया। बाद में इसकी जांच सीबीआइ को सौंप दी गई।
साकेत कोर्ट ने दी उम्रकैद की सजा
अपराध की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में पटना हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के रसूख को देखते हुए उसे बिहार के बाहर पंजाब के जेल में तथा मुकदमे को बिहार से दिल्ली के साकेत कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। साकेत कोर्ट ने उसे उक्रमैद की सजा दी, जिसके खिलाफ वह हाईकोर्ट पहुंचा है।
ब्रजेश के साथ इन दोषियों को भी मिली है उमकैद
- ब्रजेश ठाकुर
- रवि रोशन
- विकास
- गुडु पटेल
- किरण कुमारी
- मधु कुमारी
- रामानुज ठाकुर
- मीनू देवी
- विजय तिवारी
- कृष्णा कुमार
इन्हें मिली है 10 साल की सजा
- नेहा कुमारी
- हेमा मशीह
- अश्वनी कुमार
- मीनू देवी
- मंजू देवी
- चांदा देवी
- रमा शंकर
इन्हें भी मिली सजा
- इन्दु कुमारी (तीन साल)
- रोजी रानी (6 महीने)