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...तो इस बड़ी वजह से साकेत कोर्ट में टल गया मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड का फैसला, जानिए

दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड में सजा का एेलान होना था जो टल गया है। अब सजा सोमवार यानि 20 जनवरी को सुनाई जा सकती है। जानिए वजह...

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 10:14 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 10:35 PM (IST)
...तो इस बड़ी वजह से साकेत कोर्ट में टल गया मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड का फैसला, जानिए
...तो इस बड़ी वजह से साकेत कोर्ट में टल गया मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड का फैसला, जानिए

पटना, जेएनएन। बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कांड पर आज दिल्ली की साकेत कोर्ट में फैसला टल गया है। कोर्ट अब फैसला 20 जनवरी को दिन के 2.30 बजे देगी। दिल्ली की साकेत कोर्ट में बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मुकदमा चला। अब सबकी नजरें इसके मुख्‍य आरोपित ब्रजेश ठाकुर सहित सभी 20 आरोपितों को मिलने वाली सजा पर टिकी है।

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....तो इस कारण कोर्ट में टली सुनवाई

दिल्ली की साकेत कोर्ट में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की तरफ से कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि सीबीआइ ने अपने हलफनामे में कहा कि जिन लड़कियों ने यह बयान दिया कि शेल्टर होम की कुछ लड़कियों की हत्या की गई वो जांच में झूठी निकली है। ब्रजेश ठाकुर की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि पीड़ित लड़कियों द्वारा दर्ज किए गए बयान पर विश्वास ना किया जाए और उनके बयान को आधार ना माना जाए। साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर की अर्जी पर सीबीआइ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में अब सीबीआइ को दो दिन में संबंधित जवाब कोर्ट में दाखिल करना है।

TISS की रिपोर्ट में बच्चियों के साथ यौनशोषण का हुआ था खुलासा

बता दें कि 26 मई 2018 को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस(टिस) की रिपोर्ट में पहली बार बालिका गृह में 40 नाबालिग लड़कियों के साथ दरिंदगी का सच सबके सामने आया था। इनमें नाबालिग बच्चियों और लड़कियों को नशे का इंजेक्शन देकर उनके साथ की गई दरिंदगी और यौन शोषण की बात सामने आई थी।

जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दरिंदगी हुई थी, वो ब्रजेश ठाकुर का है। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा उसके शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी बनाए गए हैं।

मामले में 26 जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। अगले दिन यानी 27 जुलाई 2018 को सीबीआई ने बालिका गृहकांड की एफआईआर पटना स्थित अपने थाने में दर्ज की थी।

सीबीआई ने इस मामले में 21 को आरोपी बनाया। इसमें 10 महिलाएं शामिल हैं, जो कि बालिका गृह की लड़कियों के साथ हो रही दरिंदगी को न सिर्फ छिपाती रहीं, बल्कि बच्चियों को चुप रहने के लिए उनको यातनाएं भी देती रहीं। यही नहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में तैनात रसोइयां से लेकर गेटकीपर तक पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। 


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