मुचकुन एनकाउंटरः ‘हू इज इट, मै हूं डॉन’ वीडियो बना पुलिस को दी थी चुनौती
मुचकुन को एेसे ही कुख्यात नहीं कहा जाता था। वे बकायदा पुलिस को चुनौती देता था। उसने दीपू की हत्या करने के बाद एक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर जारी किया था।
पटना, जेएनएन। नौबतपुर के दवा व्यवसायी दीपू की हत्या के बाद मुचकुन इस कदर सनकी और बेलगाम हो चुका था कि वह खुद को अपराध जगत का डॉन कहने लगा था। उसने दीपू की हत्या करने के बाद एक वीडियो बनाकर यूट्यूब पर जारी किया था। वीडियो फुटेज में कई तस्वीरें थीं जिसमें से एक में पिस्टल दिखाकर खुद को वह डॉन बताता था। यही नहीं वीडियो में नौबतपुर इलाके में उसके द्वारा की गई हत्याओं पर अखबारों में छपी खबरों के साथ-साथ मारे गये लोगों की लाश भी वीडियो में दिखाई थी।
पाटलिपुत्र में होने की मिली थी भनक
गुरुवार को मुचकुन के एनकाउंटर से पहले एसटीएफ की टीम को मुचकुन के पाटलिपुत्र में होने की भनक मिली थी। शाम करीब छह बजे मालूम हुआ कि वह राजीव नगर में अपनी प्रेमिका नेहा से मिलने आया है। टीम के पहुंचने से पांच मिनट पहले ही मुचकुन दोस्त के साथ निकल गया था। मुचकुन की तरह ही नेहा भी शातिर निकली। जब पुलिस ने उससे पूछताछ की तो उसने मुचकुन को पहचानने से इन्कार कर दिया। पुलिसवालों को देखकर नेहा की मकान मालकिन वहां पहुंच गई। पुलिसकर्मियों ने जब उन्हें मुचकुन की फोटो दिखाई, तब उसने बताया कि यह लड़का कल (बुधवार) को भी नेहा के घर में था। वह किराया लेने गई थी, तभी उसने मुचकुन को पलंग पर लेटा हुआ देखा था। मकान मालकिन पर नजर पड़ते ही मुचकुन ने मफलर से चेहरा ढक लिया था। हालांकि महिला ने गौर नहीं किया।
जगदेव पथ पर हो गई थी भिड़ंत
नेहा की मकान मालकिन से जानकारी लेने के बाद एसटीएफ की टीम तेजी से जगदेव पथ की तरफ बढ़ी। मुचकुन बाइक से अपने एक दोस्त के साथ था। आशंका है कि उसके साथ उज्ज्वल था। पुलिस पर नजर पड़ते ही बदमाशों ने बाइक की रफ्तार तेज कर दी। पुलिस ने भी उन्हें दबोचने का रिस्क नहीं उठाया, क्योंकि वहां काफी भीड़ थी। अगर फायरिंग होती तो आमजनता को भी गोली लग सकती थी। सफेद रंग की टाटा सूमो से एसटीएफ ने मुचकुन की बाइक का पीछा किया। पुलिस को चकमा देने की फिराक में मुचकुन और उसका साथी रूपसपुर नहर रोड पर पीपल के पेड़ के बगल से गोला रोड जाने वाले कच्चे रास्ते में घुस गए।
अंधेरा देखकर शुरू कर दी फायरिंग
कच्चे रास्ते में अंधेरा और सुनसान पाकर मुचकुन ने एसटीएफ की गाड़ी पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद गाड़ी रुक गई और पुलिसकर्मियों जवाब में गोलियां बरसाने लगें। वह पिस्टल की रेंज से बाहर निकल चुका था। तब पुलिसकर्मियों ने एके-47 और एमपी-5 हथियार से फायरिंग की। मुचकुन को तीन गोलियां लगीं और वह मौके पर ही ढेर हो गया। एक गोली उसके सीने और दो पेट में लगीं। मुचकुन का साथी बाइक लेकर भागने में कामयाब रहा। मुचकुन की गोली से इंस्पेक्टर अजरुन लाल के सिर के ऊपर से निकल गई, जिसमें वह बाल-बाल बच गए। बताया जाता है कि मुचकुन ने करीब 12 राउंड गोलियां चलाई थीं। एक मैगजीन समाप्त होने के बाद उसने दूसरी लोड की थी।