आरा में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हो रहीं हाइपरटेंशन की शिकार, इन लक्षणों को भूलकर भी न करें इग्नोर
Bihar News आरा में पुरुषों से ज्यादा महिलाएं हाइपरटेंशन से ग्रसित हो रही हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 के आंकड़ों के मुताबिक रुषों से अधिक 2.7 फीसद महिलाएं उच्च रक्तचाप से ग्रसित हैं। चिकित्सकों की माने तो ऐसे लक्षणों को इग्नोर नहीं करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, आरा। भोजपुर जिले में पुरुषों से अधिक महिलाए इन दिनों हाइपरटेंशन की बीमारी से ग्रसित हो रहीं हैं। बदलती जीवनशैली से हाइपरटेंशन यानि उच्च रक्तचाप से ग्रसित होने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। आज के माहौल में मानसिक तनाव सभी के जीवन का हिस्सा बन चुका है, जिसमें महिलाएं इससे अधिक प्रभावित हो रहीं हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 के आंकड़ों के अनुसार भोजपुर जिले के 1.8 फीसद पुरुष अति उच्च रक्तचाप से और 10.3 फीसद पुरुष हलके रक्तचाप से ग्रसित हैं। जबकि पुरुषों से अधिक 2.7 फीसद महिलाएं उच्च रक्तचाप की समस्या से तथा 8.3 फीसद महिलाएं हल्के रक्तचाप से ग्रसित हैं। इस बीमारी से बचाव के लिए संतुलित जीवन शैली अपनाना ही बेहतर विकल्प है।
क्या होता है हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन, जिसे सामान्य भाषा में उच्च रक्तचाप भी कहा जाता है, दो प्रकार का होता है। पहला एसेंशियल हाइपरटेंशन, जो मूलत: अनुवांशिक होता है तथा यह उम्रदराज लोगों एवं अत्यधिक नमक का सेवन करने वालों में देखा जाता है। दूसरा सेकेंडरी हाइपरटेंशन, जिसमे सीधे उच्च रक्तचाप का कारण चिन्हित हो जाए। यह गुर्दा रोग के मरीजों एवं गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने वाली महिलाओं में अधिक देखा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मधुमेह से पीडि़त व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप के लक्षण ज्यादातर पाए जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तनावग्रस्त जीवनशैली हाइपरटेंशन के प्रमुख कारणों में से एक है। इसके अलावा धुम्रपान की आदत, मोटापा, मधुमेह, नींद की कमी, मानसिक अवसाद, भोजन में अधिक नमक का प्रयोग, गंभीर गुर्दा रोग, परिवार में उच्च रक्तचाप का इतिहास एवं थाईराइड की समस्या हाइपरटेंशन के कारण हो सकते हैं।
क्या कहते हैं चिकित्सक
हृदय रोग विशेषज्ञ एसीएमओ डा. केएन सिन्हा बताते हैं कि ससमय लक्षणों की पहचान उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में मददगार साबित होता है। इसे शुरूआती लक्षणों से पहचाना जा सकता है। हाइपरटेंशन के अधिकतर रोगियों को मालूम भी नहीं रहता है और वे इसके लक्षणों को नजरंदाज करते हैं। इसे अनदेखा करने वाले मरीजों को गंभीर बीमारियों जैसे हृदयघात, मष्तिष्कघात, लकवा, ह्रदय रोग एवं किडनी का काम करना बंद होने जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। इस बीमारी से बचाव के लिए संतुलित जीवन शैली अपनाना बेहतर विकल्प है।
उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन के लक्षण
- सिर में अत्यधिक दर्द रहना
- लगातार थकावट का अनुभव करना
- सीने में दर्द रहना
- सांस लेने में कठिनाई
- दृष्टि में धुंधलापन
- पेशाब में खून आना
- गर्दन एवं बांहों में दर्द का लगातार बने रहना