Move to Jagran APP

लंबे इंतजार के बाद बिहार पहुंचा मानसून, मौत को रोकेगी राहत की बारिश

आखिरकार लंबे इंतजार के बाद मानसून बिहार पहुंच चुका है। इससे सबसे बड़ी राहत एईेएस पीड़ित बच्चों को मिलेगी और उसके बाद लू से बिहार में जा रही जानें भी अब बच जाएंगी। जानिए..

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 09:56 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 10:27 AM (IST)
लंबे इंतजार के बाद बिहार पहुंचा मानसून, मौत को रोकेगी राहत की बारिश
लंबे इंतजार के बाद बिहार पहुंचा मानसून, मौत को रोकेगी राहत की बारिश

पटना, जेएनएन। लंबे इंतजार के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून बिहार में प्रवेश कर गया। मानसून की पहली बारिश पूर्णिया में हुई। पूर्णिया के अलावा आसपास के जिलों में भी अच्छी बारिश हुई। शुक्रवार को राजधानी समेत प्रदेश के अन्य इलाकों में भी आंधी चलने के साथ ही फुहारें पड़ीं। अगले चौबीस घंटे में मानसून की बारिश पूरे प्रदेश में शुरू होगी।

loksabha election banner

पूर्णिया के रास्ते शुक्रवार को मानसून ने बिहार में प्रवेश किया है और शनिवार को अमूमन बिहार के पटना, गया, नालंदा समेत कई जिलों में बारिश हुई। वहीं बारिश का सबसे अधिक इंतजार मुजफ्फरपुर जिले को था, वहां भी शनिवा्र को करीब एक बजे दिन से बारिश शुरू हो चुकी है।

दरअसल ये इंतजार इसलिए था कि बारिश के साथ ही बच्चों में जानलेवा चमकी बुखार का खतरा कम होने लगता है। जाहिर है मौत और मातम के बीच बिहार के इस जिले के लोग बड़ी शिद्दत से बारिश का इंतजार कर रहे थे और अब मौत के सिलसिला को टूटने  लगने की खबर भी मिल सकती है।

लू से हो रही मौत पर भी लगेगा विराम

वहीं, आज सुबह ही पटना सहित कई इलाकों में झमाझम हुई बारिश से मौसम सुहाना हो गया है। सबसे ज्यादा राहत गया-औरंगाबाद में है। बारिश के बाद जिलाधिकारी ने धारा 144 भी हटा दिया है। लू के थपेड़ों से हो रही मौत पर भी विराम लगेगा। 

एक सप्ताह देरी से बिहार पहुंचा मानसून

पटना मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार करीब एक सप्ताह देरी से दक्षिण-पश्चिम मानसून ने प्रदेश में प्रवेश किया है। प्रवेश के बाद पूर्णिया में जमकर बारिश हुई। पूर्णिया में पिछले चौबीस घंटे में 21.6 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। पूर्णिया के अलावा भागलपुर में 10.6 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं राजधानी में 2.2 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। 

बारिश होने से थम सकेगा मौत का सिलसिला 

बिहार में एईएस से अब तक 160 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है, लेकिन चाइल्ड स्पेशलिस्ट बताते हैं कि बारिश के साथ ही मौत का सिलसिला थमने लगेगा। दरअसल इस बीमारी का कारण हीट और ह्यूमिडिटी है।

इलाके में गर्मी जब 40 डिग्री के पार होती है और ह्यूमिडिटी 60 पार होती है, और यह स्थिति कई दिनों तक लगातार बनी रहती है तो बच्चे बीमार होने लगते हैं। अगर बारिश होती है तो गर्मी से भी राहत मिलेगी और एईएस  के मामलों में भी कमी आएगी।

बंगाल की खाड़ी में बढ़ी सक्रियता 

मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में मानसून काफी सक्रिय है। इस कारण ही प्रदेश के विभिन्न भागों में बारिश हो रही है। 

सुबह से ही छाए रहे बादल 

शुक्रवार की सुबह राजधानी के आकाश में बादल  छाए रहे। लोग सुबह उठे तो उन्हें मानसून आने के सुखद संकेत मिले। हालांकि दिन चढऩे के बाद आकाश साफ हो गया। तेज धूप एवं उमस से लोग परेशान रहे। लेकिन दोपहर तीन बजे राजधानी के मौसम ने करवट बदली। तेज हवा के साथ फुहारें पडऩी शुरू हो गईं। हालांकि थोड़ी ही देर में यह थम गई। उमस से लोगों को बड़ी राहत मिली। राजधानी में अधिकतम तापमान 41.2 एवं 35.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.