बिहार चुनाव : मोहन भागवत से सिर हार का ठीकरा फोड़ रहे NDA के नेता
बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद एडीए के घटक दलों के नेता संघ व भाजपा के प्रमुख नेताओं की गैरजिम्मेदार बयानबाजी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनके अनुसार हार का प्रमुख कारण आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा वाला बयान रहा।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद एडीए के घटक दलों के नेता संघ व भाजपा के प्रमुख नेताओं की गैरजिम्मेदारानी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनके अनुसार इस हार का प्रमुख कारण आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का वह बयान रहा, जिसमें उन्होंने आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की वकालत की थी।
हार पर किसने क्या कहा, आइए डालते हैं एक नजर...
हुकुमदेव नारायण यादव (सांसद) : बिहार के मधुबनी से बीजेपी सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने कहा कि रिजर्वेशन पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान के कारण भाजपा चुनाव हार गई। उन्होंने कहा, ''आरक्षण पर बयान से दलितों में अंधविश्वास पैदा हुआ। पिछड़ों ने खुद को डरा हुआ महसूस किया।’’
जीतनराम मांझी (पूर्व मुख्यमंत्री व 'हम' के प्रमुख) : जीतनराम मांझी ने एनडीए की हार के लिए बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, ''मोहन भागवत ने कहा कि आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए। ये बात गलत नहीं थी पर अभी ये बात कहने की कोई जरूरत नहीं थी। इस चीज को लालू जी ने समाज में परोसने का काम किया कि बीजेपी की सरकार आएगी तो आरक्षण को समाप्त कर देगी।'' मांझी ने कहा कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के ''पाकिस्तान में फूटेंगे पटाखे'' वाले बयान का भी प्रतिकूल असर पड़ा।
अरुण शौरी : बीजेपी और सरकार का मतलब सिर्फ मोदी, अमित शाह और अरुण जेटली हैं। यही तीनों हैं जो सरकार चला रहे हैं। उन्होंने बिहार की हार को बीजेपी के चेहरे पर जनता का करारा तमाचा बताया। उन्होंने कहा कि वे काफी वक्त से कहते आ रहे हैं कि पार्टी में अहंकार आ चुका है और ये हार उसी का नतीजा है।
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यह था भागवत का बयान
मोहन भागवत ने 21 सितंबर 2015 को एक साक्षात्कार में कहा था कि आरक्षण का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और रिजर्वेशन पॉलिसी का रिव्यू होना चाहिए।