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शहाबु्द्दीन ने कोर्ट से लगाई गुहार-तिहाड़ में भरपेट खाना नहीं मिलता, कुछ तो कीजिए

तिहाड़ जेल में बंद तेजाब हत्याकांड के आरोपी मोहम्मद शहाबुद्दीन ने दिल्ली हाई कोर्ट से गुहार लगाई है कि मुझे भरपेट भोजन नहीं मिलता और मेरे सेल में लाइट की भी व्यवस्था नहीं है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 21 Mar 2018 12:27 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 09:51 PM (IST)
शहाबु्द्दीन ने कोर्ट से लगाई गुहार-तिहाड़ में भरपेट खाना नहीं मिलता, कुछ तो कीजिए
शहाबु्द्दीन ने कोर्ट से लगाई गुहार-तिहाड़ में भरपेट खाना नहीं मिलता, कुछ तो कीजिए

 पटना [जेएनएन]। तेजाब हत्याकांड में सजा काट रहे सिवान के चर्चित पूर्व राजद सांसद मोहम्मद शहाबु्द्दीन ने तिहाड़ जेल से दिल्ली हाई कोर्ट में गुहार लगाई है कि मुझे भर पेट खाना नहीं मिलता, साथ ही मेरे सेल में लाइट की भी व्यवस्था नहीं है, एेसा ही रहा तो मेरी तबियत खराब हो जाएगी। जेल प्रशासन को आदेश दें कि मुझे कम से कम जीने के लिए आवश्यक सुविधाएं दी जानी चाहिए।

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शहाबुद्दीन का आरोप है कि छोटा राजन को जेल के अंदर टीवी, किताबें और बाकी सुविधाएं दी जा रही हैं, मगर उन्हें सामान्य सुविधाएं भी हासिल नहीं हैं। इस संबंध में शहाबुद्दीन की ओर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तिहाड़ जेल के सुपरिटेंडेंट को नोटिस जारी कर दिया है और 27 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।

शहाबुद्दीन ने दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि उन्हें पिछले 13 महीने से तिहाड़ जेल के ऐसे हिस्से में रखा गया है, जहां न ही रोशनी आती है और न ही हवा आती है। शहाबुद्दीन ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि जबसे वह तिहाड़ जेल में शिफ्ट हुए हैं, तब से उनका वजन 15 किलो घट गया है। शहाबुद्दीन ने कहा कि अगर हालात यही रहे तो उन्हें गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

उन्होंने मांग की है कि उन्हें एकांत कारावास से निकालकर आम कैदियों की तरह रखा जाए। दरअसल सुप्रीम कोर्ट पिछले साल 15 फरवरी को करीब 45 आपराधिक मामलों का सामना कर रहे मोहम्मद शहाबुद्दीन को बिहार के सीवान जेल से एक तिहाड़ जेल शिफ्ट करने का आदेश दिया था।
बता दें कि शहाबुद्दीन पर करीब 45 आपराधिक मामले दर्ज हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 15 फरवरी को शहाबुद्दीन को बिहार की सीवान जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। दो अलग-अलग घटनाओं में अपने तीन बेटे गंवा चुके चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू और आशा रंजन ने याचिका दायर कर राजद नेता को तिहाड़ जेल में रखने का आग्रह किया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था।


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