पटना एयरपोर्ट पर यूपी के आइजी अमिताभ ठाकुर से दुर्व्यवहार
शुक्रवार को जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर यूपी के आइजी अमिताभ ठाकुर से दुर्व्यवहार की घटना ने सनसनी मचा दी।
पटना, जेएनएन। जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर शुक्रवार को वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी और उत्तरप्रदेश में आइजी के पद पर तैनात अमिताभ ठाकुर से दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। वह लखनऊ-पटना-कोलकाता विमान से पटना एयरपोर्ट पर उतरे थे। इसको लेकर आइपीएस अधिकारी ने वरीय अधिकारियों से शिकायत की तब जाकर किसी तरह मामला रफा-दफा किया गया। हालांकि विमान कंपनी इंडिगो और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) के अधिकारियों ने किसी भी तरह का दुर्व्यवहार करने से इन्कार किया है।
घटना के संबंध में वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी ठाकुर ने बताया कि वह लखनऊ से इंडिगो की फ्लाइट संख्या 6ई 634 से पटना आने के लिए सवार हुए थे। पटना पहुंचने पर जब वे विमान से उतरने लगे तब इंडिगो के कर्मचारियों ने उनसे बोर्डिग पास मांगा। उन्होंने बोर्डिग पास दिखाने से इन्कार कर दिया जिसको लेकर इंडिगो के कर्मचारियों से उनकी बकझक शुरू हो गई। बाद में इंडिगो के कर्मचारियों ने सीआइएसएफ के जवानों को भी बुला लिया। आरोप है कि उन्हें विमान के कोलकाता पहुंचने तक पटना एयरपोर्ट पर ही रुकने को कहा गया। बाद में वरीय अफसरों को शिकायत करने और यह पता चलने पर कि अमिताभ ठाकुर आइपीएस अधिकारी हैं, उन्हें बोर्डिग पास दिखाने पर बाहर जाने दे दिया गया।
विमान कंपनी से कर चुके हैं हर्जाने की मांग आधिकारिक सूत्रों की मानें तो आइपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर इससे पहले भी इंडिगो विमान कंपनी की शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने दो जुलाई 2019 को इंडिगो की लखनऊ से पटना आने वाली फ्लाइट के पांच घंटे विलंब से पहुंचने व इंडिगोकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत की थी। इस मामले में इंडिगो प्रबंधन से हर्जाने की भी मांग की गई थी। हालांकि इंडिगो प्रबंधन ने उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया था। ठाकुर का कहना है कि उनके सवालों का जबाव सही तरीके से नहीं दिया गया था।
सभी के लिए है एक नियम
सीआइएसएफ कमांडेंट विशाल दुबे ने कहा कि लखनऊ से कोलकाता वाया पटना जाने वाली फ्लाइट से यात्रा करने वाले जो यात्री पटना में उतरते हैं उनसे विमान कंपनी के कर्मचारी बोर्डिग पास दिखाने को कहते हैं। यह नियम है। इसी के तहत इंडिगो के कर्मियों ने बोर्डिग पास दिखाने को कहा था। जब उन्हें नियम बताया गया तो उन्होंने पास दिखाया। इसके बाद उन्हें जाने दिया गया। उनके साथ किसी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया गया है।