बाढ़ से बेहाल बिहार, तेज धारा में बहे तीन भाई, लाखों लोग प्रभावित
उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है। रेल परिचालन ठप्प हो गया है। तेज धारा में चार लोग बह गये हैं। नदियां खतरे के निशान से उपर बह रही है। लाखों लोग प्रभावित हो गये हैं।
पटना [जागरण टीम]। बिहार व नेपाल के तराई क्षेत्रों मे पिछले 24 घंटो से हो रही भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ आ गया है। स्थिति इतनी भयावह है कि कई लोग पानी की तेज धारा में बह गये। कच्चे मकान की कौन कहे, पक्के मकान भी ध्वस्त हो रहे हैं। रेलवे स्टेशन से लेकर घर के आंगन में पानी भर गया है।
एनएच 104 पर वाहनों का परिचालन हुआ ठप
शिवहर जिले की बागमती नदी उफना गई है। जिससे नदी का पानी शिवहर-सीतीमढ़ी NH104 पर डुब्बा घाट के समीप उपर से बहने लगा है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर उपर हो गया है। बेलवा घाट के समीप नदी के तटबंध पर पानी का दबाव बना हुआ है। डीएम ने नदी के आसपास वाले गांव के लोगों को सचेत करते हुए सभी अधिकीरियों को अलर्ट किया गया है।
झोपड़ी गिरने से दो सगी बहनों की मौत
सीतामढ़ी के सुरसंड प्रखंड के बरौली पंचायत के हरिदुलारपुर गांव के पथलपुरा वार्ड पांच में रविवार की सुबह तेज बारिश के बीच फूस की झोपड़ी गिरने से दो सगी बहनों की दबकर मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, मो. कयूम अंसारी की पुत्री शकीना खातून (17) एवं मोमिना खातून (13) अपने घर में सोई हुई थी। सुबह करीब पांच बजे झोपड़ी अचानक गिर गई। मौके पर जुटे लोगों ने दोनों को बाहर निकाला, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना अंचलाधिकारी एवं बीडीओ को दी। मौके पर अब तक कोई नहीं पहुंचा है। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। इलाके में चार दिनों से हो रही बारिश से कई घरों पर खतरा मंडरा रहा है।
भारी बारिश से सैकड़ों गांव हुए जलमग्न
बेतिया में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से नरकटियागंज अनुमंडल की सभी नदियां अपने उफान पर है। आलम यह है कि चारों ओर लोग जल प्रलय का शिकार हो रहे हैं। नरकटियागंज अनुमंडल के गौनाहा सिकटा, मैनाटांड़, इनरवा, लौरिया समेत चारों ओर जल प्रलय का तांडव है।
सबसे ऊंचा स्थान समझे जाने वाले कृषि बाजार में एक फीट पानी बह रहा है। वही पंडई, मनियारी, बिरहा जैसी पहाड़ी नदियां खतरे के निशान से तीन से चार फीट ऊपर बह रही है जगह-जगह लोग फंसे हुए हैं। गौनाहा के कस्तूरबा विद्यालय में सौ छात्राएं फसी हुई है। नरकटियागंज एसडीओ चंदन कुमार चौहान ने एनडीआरएफ की टीम भेजने की बात कही है।
गौनाहा बाजार में तीन से चार फीट पानी बह रहा है। वही अमोलवा, बेलवा गांव में मदन गिरी का पूरा परिवार फंसा हुआ है। गौनाहा प्रखंड के मेघौली मरजदवा, माधोपुर बन बैरिया आधे दर्जन अधिक गांव टापू बने हुए हैं। नरकटियागंज के बाजार में दो से तीन फीट पानी भरा है। सबसे अधिक क्षति चीनी मिल में हुई है। चीनी मिल के सभी अधिकारी व कर्मी बाढ़ में घिरे हुए हैं।
SSB कैंप में 6 से 7 फीट पानी बह रहा रहा है। नरकटियागंज के नंदपुर खोरी, खुशबू नगर, अम्बेडकर नगर ,चीनी मिल में 500 से ऊपर लोग फंसे हुए हैं जबकि सिकटा के रामपुर, गौरीपुर, मर्जदवा, मैनाटांड़ और लौरिया में 3 से चार फीट पानी बह रहा है। सभी सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय पानी में डूब गए हैं। नरकटियागंज नगर के शिवगंज, पुरानी बाजार, नया टोला, हरदिया आदि वार्डो में 3 से 4 फीट पानी बह रहा है। कई घरो के लोग अपना अपना सामान लेकर उचे स्थानों पर पहुच रहे हैं।
बगहा-नरकटियागंज रेल परिचालन ठप
बगहा स्टेशन पर भारी वर्षा के लाइन नंबर तीन धंसने की सूचना है। वहीं बगहा-खरपोखरा स्टेशन के बीच पुल संख्या 347 का एक पाया धंस गया, जिससे रेल परिचालन ठप हो गया है।गोरखपुर जाने वाली सवारी गाड़ी 55073 रास्ते में रुकी है। वही दिल्ली से मुजफ्फरपुर आनेवाली सप्तक्रांति सुपर फास्ट एक्सप्रेस पनियहवा स्टेशन पर ठहरी हुई है। जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रिक सप्लाई के कारण बुकिंग सेंटर से टिकट कटना भी ठप है।
बगहा व रामनगर शहर में घुसा बाढ़ का पानी
नेपाली व पहाड़ पर हुई बारिश से गंडक नदी लाल निशान को पार कर गयी है। गंडक नदी में3.40 लाख क्यसेक पानी छोड़ा गया है। बगहा व रामनगर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। बगहा - वाल्मीकिनगर मार्ग में सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। इस वजह से आवागमन ठप है। वीटीआर के जंगल में पानी घुस गया है। जानवर पलायन कर रहे है।
रामनगर प्रखंड के उत्तरांचल के इलाके में बसे करीब आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी दूसरे दिन भी घुस गया है। पहाड़ी नदी सूखौड़ व मसान खतरे के निशान से ऊपर है | प्रखंड के हरिहरपुर , वृंदावन, सिसवा डीह, नोका टोला, बलू आहवा, सेवरही, सिंगाही, पथरी आदि गांव में बाढ़ का पानी घुसा है। गांव के लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हैं।
शिवहर के बेलवाघाट में बागमती नदी का सुरछातटबंध टूट गया। जिसके बाद नरकटिया, अंबा बेलवा सहित कई गांवों में बाढ़ का पानी घूस गया है। सूचना पर डीएम वएसपी समेत राहत व बचाव कायँ के लिए रवाना हो गये हैं।
मोतिहारी में लालबकेया का तटबंध टूटा, चार लापता, दर्जन भर पंचायतों की आबादी प्रभावित
तीन दिनों से लगातार हो रही तेज बारिश के कारण पूर्वी चंपारण जिले की कई नदिया उफना गई हैं। ढाका प्रखंड के गुआबारी के पास लालबकेया नदी का तटबंध करीब चार सौ फीट टूट गया। तटबंध टूटने के बाद एक झटके में प्रखंड की बारह पंचायतों की करीब दो लाख की आबादी बुरी तरह प्रभावित हो गई है।
तेलहारा में बाढ़ के पानी में तीन भाई बह गए हैं। गुरहेनवा हाल्ट स्टेशन व ट्रैक पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है। यहां से रेल सेवा प्रभावित हो गई है। एक यात्री ट्रेन घंटों से फंसी है। उधर, पताही व बनकटवा प्रखंड के भी कई इलाके बाढ़ से प्रभावित हैं। पताही के महम्मदपुर में एक बच्चे के बाढ़ के पानी में लापता हो जाने की सूचना है।
घटना की जानकारी मिलने के साथ जिलाधिकारी रमण कुमार पूरी टीम के साथ इलाके में पहुंचे हैं। बाढ़ प्रभावित इलाके में माइकिंग कराई है। लोगों को धैर्य से काम लेने को कहा है।साथ ही कहा है कि राहत व बचाव कार्य चल रहा है। जल्दबाजी में कोई खतरनाक कदम नहीं उठाएं। ढाका विधायक फैसल रहमान भी प्रभावित इलाके में कैंप कर रहे हैं।
डीएम ने एनडीआरएफ की टीम बुलाई है और गंभीर स्थिति वाले क्षेत्रों में टीम को फंसे लोगों को निकालने के लिए भेजा गया है। पानी से घिरे लोगों को नाव से निकाला जा रहा है और ट्रैक्टर से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश के आलोक में ढाका प्रखंड में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए कैंप बनाया गया है। यहां लोगों आवासन और भोजन का इंतजाम किया गया है। चिकित्सकों की टीम तैनात की गई है। ढाका में एक कंट्रोल रूम की भी स्थापना की गई है।