NMC में PG की सात सीटों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने दी मान्यया, ये हैं विषय Patna News
एनएमसी के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में पीजी की तीन तथा फार्माकोलॉजी विभाग में पीजी की चार सीटों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अगले पांच वर्ष तक के लिए मान्यता दे दी है।
पटना, जेएनएन। नालंदा मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों के लिए गुरुवार को शिक्षक दिवस के दिन खुशी की एक बड़ी खबर आई। यहां के स्त्री एवं प्रसूति विभाग में पीजी की तीन तथा फार्माकोलॉजी विभाग में पीजी की चार सीटों को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने अगले पांच वर्ष तक के लिए मान्यता दे दी है। चिंता इस बात की रही कि यहां के जनरल सर्जरी में पीजी की चार तथा कम्युनिटी मेडिसिन में पीजी की तीन सीटों को एमसीआइ ने मान्यता नहीं दी है।
दी है 30 दिनों की मोहलत
कुछ कमियां गिनाते हुए इसे दूर करने के लिए 30 दिनों की मोहलत दी है। इस अवधि में कमियां दूर नहीं हुईं तो मान्यता न मिलने वाली सीटों पर अगले वर्ष छात्र-छात्राओं का नामांकन लेना मुश्किल हो जाएगा। एमसीआइ का पत्र प्राप्त होते ही प्राचार्य डॉ. प्रो. विजय कुमार गुप्ता विभाग के उच्चाधिकारियों से कमियां दूर करने के संबंध में बातचीत करने के लिए सचिवालय जा पहुंचे।
उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने कमियां दूर करने में पहल करने की बात कही है। निर्धारित फीस 1.18 लाख रुपया एमसीआइ में जमा करने के बाद औचक निरीक्षण के लिए टीम फिर से बुलायी जाएगी। स्त्री एवं प्रसुति विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेणु रोहतगी ने बताया कि पीजी की वर्तमान में 11 सीटें हैं। वर्ष 2018 में एमसीआइ ने पहले से पीजी की तीन सीटों के लिए प्राप्त मान्यता को अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकरण किये जाने को लेकर कॉलेज एवं अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था। फार्माकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि विभाग में पीजी की चार सीटें ही हैं। पांच वर्षों के लिए इन सीटों पर नामांकन कि मिली मान्यता समाप्त होने वाली थी कि अगले पांच साल के लिए फिर मान्यता मिल गयी। इससे शिक्षक व विद्यार्थी बेहद खुश हैं।
एमसीआइ ने यह कमियां गिनाई
मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेज प्रशासन को भेजे पत्र गए में जनरल सर्जरी की पीजी सीटों की मान्यता के लिए आवश्यक प्रोफेसर की कमी का उल्लेख किया है। इसी तरह, काम्युनिटी मेडिसिन की पीजी सीटों की मान्यता के लिए आवश्यक एक एसोसिएट प्रोफेसर की कमी बतायी है। इस विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर दो शिक्षक कार्यरत हैं। दोनों को असिस्टेंड प्रोफेसर से इन पद प्रोन्नति मिली है। एमसीआइ ने जिन एक एसोसिएट प्रोफेसर को मान्यता से इनकार किया है उनका दो अनिवार्य शोध पत्र प्रोन्नति से पहले प्रकाशित नहीं था। साथ ही एमसीआइ ने इस विभाग में स्टैटिसटीशियन की भी कमी बतायी है।
प्रोन्नति के लिए शोध पत्र का प्रकाशन जरूरी
एनएमसी के शिक्षकों ने बताया कि एमसीआइ के नियमानुसार असिस्टेंड से एसोसिएट प्रोफेसर में प्रोन्नति के लिए दो शोध पत्र एमसीआइ की सूचि में शामिल जर्नल में प्रकाशित होना आवश्यक है। इसी तरह एसोसिएट से प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए भी दो शोध पत्र जर्नल में प्रकाशित होना जरूरी है।