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एक साल से रुकी शादी को ग्राम कचहरी ने दिलाया मुकाम

दहेज के खिलाफ सरकार की जागरुकता मुहिम और सख्ती का असर दिखने लगा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 11:00 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 11:00 AM (IST)
एक साल से रुकी शादी को ग्राम कचहरी ने दिलाया मुकाम
एक साल से रुकी शादी को ग्राम कचहरी ने दिलाया मुकाम

पटना। दहेज के खिलाफ सरकार की जागरुकता मुहिम और सख्ती का असर दिखने लगा है। दनियावां में दहेज के लिए करीब साल भर से अटकी एक शादी ग्राम कचहरी की पहल पर हो सकी। इस मामले में ग्राम कचहरी ने भी अपनी सार्थकता सिद्ध की है।

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हर पिता शादी के दौरान अपनी बेटी की खुशहाल जिंदगी के लिए हैसियत से अधिक खर्च करता है, ताकि बेटी की नई जिंदगी में कोई गम न आए। कुछ ऐसे ही सपने संजो कर इस्लामपुर थाना क्षेत्र के सकरी गाव निवासी अमीरक चौधरी ने वर्ष 2017 में अपनी बेटी पिंकी का रिश्ता तय किया था। तब उन्होंने हैसियत से अधिक बारातियों के स्वागत और घरेलू सामान आदि देने का वचन लड़के वालों को दिया था। लेकिन, लड़के वाले शायद इतने से संतुष्ट नहीं थे।

एक साल से शादी की तिथि टालते जा रहे थे लड़के वाले

अधिक पैसे के लालच में पड़कर लड़का पक्ष के लोग एक साल से शादी की तिथि को लेकर लगातार टाल-मटोल करते जा रहे थे। लड़के वालों के घर जाते-आते पिंकी के पिता थकने और निराश भी होने लगे थे। उनकी उतनी हैसियत भी नहीं थी कि लड़के वालों की सभी मांगें पूरी कर सकें, फिर भी वे पूरी कोशिश करते रहे कि रिश्ता टूट न जाए।

जब टूटने लगी उम्मीद तो लिया ग्राम कचहरी का सहारा

आखिरकार लड़की के पिता सरपंच की शरण में गए और न्याय की गुहार लगाई। सरपंच ने ग्राम-कचहरी में दोनों पक्ष के लोगों को बुलाया और सहमति से शादी रचाई। प्रखंड की शाहजहांपुर ग्राम कचहरी में अमीरक चौधरी की बेटी पिंकी कुमारी (18 वर्ष) की शादी शाहजहांपुर थाना क्षेत्र के मकसूदपुर गांव के राम प्रवेश चौधरी के पुत्र पिंटू कुमार (21 वर्ष) के साथ हुई। बेटी की विदाई के बाद पिंकी के पिता अमरीक चौधरी रो रहे थे। उनका कहना था कि यह गम नहीं, बल्कि खुशी के आंसू थे।

सरपंच की पहल से हुई शादी

साल भर से रुकी इसी शादी को मुकाम तक पहुंचाने में शाहजहांपुर ग्राम कचहरी के सरपंच अनिल कुमार ने बहुल सुलझी हुई भूमिका निभाई। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी के बाद शुक्रवार को दोनों पक्ष के लोगों को ग्राम-कचहरी में बुलाया। दोनों पक्षों से बातचीत की और समझौता कराया। सहमति बनने के बाद सरपंच अनिल कुमार स्वयं समधी बने और ग्राम-कचहरी में ही वर-वधू से सात फेरे लगवा कर आजीवन साथ रहने की शपथ दिलाई। मौके पर उपसरपंच शकर कुमार, न्याय मित्र योगेंद्र ठाकुर, न्याय सचिव अमित कुमार अकेला सहित काफी ग्रामीण भी उपस्थित थे।


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