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बिहारः 16 जुलाई के बाद नहीं होंगे मांगलिक कार्य, सात फेरे लेने के लिए चार महीना करना होगा इंतजार

आषाढ़ शुक्लपक्ष एकादशी तिथि 20 जुलाई से विष्णु चार मास के लिए क्षीर सागर में विश्राम करेंगे। इस दिन हरिशयनी एकादशी का पर्व मनाने की परंपरा है। भगवान विष्णु के चार महीने तक क्षीर सागर में विश्राम करने के कारण चातुर्मास में किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 01:26 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 01:26 PM (IST)
जुलाई के बाद नवंबर तक शुभ कार्यों के लिए इंतजार करना होगा। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जासं, पटना : आषाढ़ शुक्लपक्ष एकादशी तिथि 20 जुलाई से जगत के पालनहार भगवान विष्णु चार मास के लिए क्षीर सागर में विश्राम करेंगे। इस दिन हरिशयनी एकादशी का पर्व मनाने की परंपरा है। भगवान विष्णु के चार महीने तक क्षीर सागर में विश्राम करने के कारण चातुर्मास में किसी प्रकार के मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे। चार माह तक विश्राम करने के बाद मंगल कार्यों पर भी विराम लगेगा। वहीं 14 नवंबर को देवोत्थान एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निद्रा से जागने के बाद 15 नवंबर से मांगलिक कार्य जैसे शादी-ब्याह, मुंडन, यज्ञोपवित संस्कार, गृह प्रवेश आदि कार्य आरंभ हो जाएंगे। 

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चार माह बाद बजेगी शहनाई 

ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा की मानें तो जुलाई माह में शादी-ब्याह के कुल नौ लग्न शेष बचे हैं। 16 जुलाई के बाद शादी ब्याह को लेकर किसी प्रकार का कोई शुभ लग्न नहीं है। ऐसे में शादी-ब्याह करने वाले लोगों को अगले चार माह तक इंतजार करना होगा। वहीं नवंबर माह में महज तीन दिन शादी के शुभ मुहूर्त और दिसंबर माह में महज छह शेष शुभ लग्न है फिर इसके बाद नए वर्ष में शादी विवाह के मुहूर्त हैं। अगले वर्ष 15 जनवरी से शादी के मुहूर्त बन रहा है। 

शादी-विवाह के शुभ लग्न मुहूर्त:- 

(मिथिला पंचाग के मुताबिक)

जून: 27, 28  

नवंबर- 21, 22, 29

दिसंबर- 1, 2, 5, 6, 8, 9,13

बनारसी पंचाग के अनुसार

जुलाई: 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 15, 16 

नवंबर: 19, 20, 21, 26, 28, 29    

दिसंबर: 1, 2, 5, 7, 12, 13

शादी के लिए शुभ योग जरूरी -

ज्योतिष आचार्यो की मानें तो शास्त्री में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है। शादी के शुभ योग के लिए गुरु, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। रवि गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभ फल देने वाला होता है। इन तिथियों पर शादी होना शुभ होता है। 


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