सुनिए CBSE इंटरमीडिएट के टॉपरों की जुबानी, कैसे पाई जा सकती है सफलता
सीबीएसई के इंटरमीडिएट टॉपरों का कहना है कि उन्होंने सफलता के लिए कुछ नया नहीं किया। बस कुछ चीजों से दूरियां बनाईं और समय प्रबंधन का ख्याल रखा। आइए जानते हैं क्या बता रहे हैं ये।
By Edited By: Published: Sat, 04 May 2019 01:06 AM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 08:37 AM (IST)
पटना, जेएनएन। यदि लक्ष्य निर्धारित हो और मेहनत से पीछे नहीं हटने का जज्बा हो तो आपके हाथ से सफलता कोई छीन नहीं सकता है। ऐसी स्थिति में किसी भी परीक्षा में टॉप करना आसान हो जाता है। इसके लिए कुछ जरूरी बातों का अनुपालन निहायत जरूरी होता है। सीबीएसई के इंटरमीडिएट टॉपरों की भी यही कहानी है। उनकी दिनचर्या भी बाकी अन्य छात्रों की तरह ही है। बस, उन लोगों ने अपने को सोशल मीडिया और मोबाइल से दूर कर रखा है।
फेसबुक, ट्विटर व इंस्टाग्राम से दूर रहीं मरियम
वर्तमान समय में लोग मोबाइल व सोशल मीडिया को अपनी कमजोरी बना लेते हैं। इससे पढ़ाई पूरी तरह खत्म हो जाती है। सीबीएसई इंटरमीडिएट की बिहार टॉपर मरियम रजा खान की सुबह की शुरुआत पढ़ाई से होती है। फिर वह दिन में स्कूल जाती थी। वह बताती हैं कि मोबाइल वर्तमान समय में जरूरत है। लेकिन इसका प्रयोग नियंत्रित ढंग से किया जाए। पढ़ाई के वक्त मोबाइल से दूरी जरूरी होती है। वह बताती हैं कि सोशल मीडिया के नाम पर बस थोड़ा-बहुत वाट्सअप का उपयोग करती थी। वह भी केवल नोट्स या रिश्तेदारों से बातचीत में। इसके अतिरिक्त फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि से वह बहुत दूर रहती थीं।
सोशल मीडिया से दूरी ने बनाया ईशा को थर्ड टॉपर
सोशल मीडिया से दूरी सफलता के द्वार को आसान बनाती है। सोशल मीडिया से एडिक्ट होने के कारण छात्रों का अधिक समय उस पर बर्बाद हो जाता है। इससे पढ़ाई नहीं हो पाती है। सीबीएसई की तीसरी बिहार टॉपर ईशा ने बताया कि सोशल मीडिया से दूर रहने के कारण वह अपने लक्ष्य तक पहुंची है। नोट्रेडम एकेडमी की छात्रा ईशा बताती हैं कि वह सोशल मीडिया से दूरी बनाकर लगातार पढ़ाई करती रहीं। हर दिन लगभग छह-सात घंटे पढ़ाई करती थीं। समय मिलने पर वह पेंटिंग और गीत सुनती थीं। वह बताती हैं कि सोशल मीडिया के कारण छात्रों का ध्यान बंट जाता है। इससे अच्छे ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है। नतीजतन, रिजल्ट खराब हो जाता है। ऐसे में छात्रों को इससे दूर रहना चाहिए।
शाम के पांच मिनट होते थे इंस्टाग्राम के नाम
सीबीएसई की इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप फाइव में शामिल हर्षा का रूटीन काफी अलग है। सुबह की शुरुआत पढ़ाई से करने वाली हर्षा कभी स्कूल मिस नहीं करती थी। मोबाइल व सोशल मीडिया से अमूमन दूरी बनाए रखने वाली हर्षा शाम में पांच मिनट के लिए इंस्टाग्राम पर सक्रिय रहती हैं। वह बताती हैं कि सोशल मीडिया की लत बहुत नुकसानदायक होती है। इससे छात्र अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। वह बताती हैं कि जनवरी से मार्च तक सोशल मीडिया के साथ मोबाइल से भी पूरी तरह दूरी बना ली। मूड ऑफ होने पर गाना सुनना और गिटार पर रियाज करके वह अपने मूड को बदलती थीं।
फेसबुक, ट्विटर व इंस्टाग्राम से दूर रहीं मरियम
वर्तमान समय में लोग मोबाइल व सोशल मीडिया को अपनी कमजोरी बना लेते हैं। इससे पढ़ाई पूरी तरह खत्म हो जाती है। सीबीएसई इंटरमीडिएट की बिहार टॉपर मरियम रजा खान की सुबह की शुरुआत पढ़ाई से होती है। फिर वह दिन में स्कूल जाती थी। वह बताती हैं कि मोबाइल वर्तमान समय में जरूरत है। लेकिन इसका प्रयोग नियंत्रित ढंग से किया जाए। पढ़ाई के वक्त मोबाइल से दूरी जरूरी होती है। वह बताती हैं कि सोशल मीडिया के नाम पर बस थोड़ा-बहुत वाट्सअप का उपयोग करती थी। वह भी केवल नोट्स या रिश्तेदारों से बातचीत में। इसके अतिरिक्त फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम आदि से वह बहुत दूर रहती थीं।
सोशल मीडिया से दूरी ने बनाया ईशा को थर्ड टॉपर
सोशल मीडिया से दूरी सफलता के द्वार को आसान बनाती है। सोशल मीडिया से एडिक्ट होने के कारण छात्रों का अधिक समय उस पर बर्बाद हो जाता है। इससे पढ़ाई नहीं हो पाती है। सीबीएसई की तीसरी बिहार टॉपर ईशा ने बताया कि सोशल मीडिया से दूर रहने के कारण वह अपने लक्ष्य तक पहुंची है। नोट्रेडम एकेडमी की छात्रा ईशा बताती हैं कि वह सोशल मीडिया से दूरी बनाकर लगातार पढ़ाई करती रहीं। हर दिन लगभग छह-सात घंटे पढ़ाई करती थीं। समय मिलने पर वह पेंटिंग और गीत सुनती थीं। वह बताती हैं कि सोशल मीडिया के कारण छात्रों का ध्यान बंट जाता है। इससे अच्छे ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाती है। नतीजतन, रिजल्ट खराब हो जाता है। ऐसे में छात्रों को इससे दूर रहना चाहिए।
शाम के पांच मिनट होते थे इंस्टाग्राम के नाम
सीबीएसई की इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप फाइव में शामिल हर्षा का रूटीन काफी अलग है। सुबह की शुरुआत पढ़ाई से करने वाली हर्षा कभी स्कूल मिस नहीं करती थी। मोबाइल व सोशल मीडिया से अमूमन दूरी बनाए रखने वाली हर्षा शाम में पांच मिनट के लिए इंस्टाग्राम पर सक्रिय रहती हैं। वह बताती हैं कि सोशल मीडिया की लत बहुत नुकसानदायक होती है। इससे छात्र अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं। वह बताती हैं कि जनवरी से मार्च तक सोशल मीडिया के साथ मोबाइल से भी पूरी तरह दूरी बना ली। मूड ऑफ होने पर गाना सुनना और गिटार पर रियाज करके वह अपने मूड को बदलती थीं।
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