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Patna Paperless Hospital: अगले हफ्ते से अस्पतालों में पेपरलेस होगा इलाज, मरीजों की सारी डिटेल्स ऑनलाइन होगी दर्ज

राजधानी पटना के गुरु गोविंद सिंह समेत सिविल सर्जन के अधीन आने वाले सभी अस्पताल अगले सप्ताह से सातों दिन पेपरलेस इलाज की सुविधा शुरू होगी। एलएनजेपी हड्डी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में जिले के डॉक्टरों के लिए आयोजित किए गए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में यह जानकारी दी और इसको लेकर पैथोलॉजिस्ट रेडियोलॉजिस्ट फार्मासिस्ट व नर्सों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

By Pawan Mishra Edited By: Shoyeb Ahmed Published: Sat, 20 Apr 2024 04:10 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2024 04:10 PM (IST)
अगले हफ्ते से अस्पतालों में पेपरलेस होगा इलाज

जागरण संवाददाता, पटना। Patna Hospitals News: राजधानी पटना के गुरु गोविंद सिंह समेत सिविल सर्जन के अधीन आने वाले सभी अस्पताल सात दिन में पेपरलेस हो जाएंगे।

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शुक्रवार को एलएनजेपी हड्डी सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में जिले के डॉक्टरों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह में राज्य स्वास्थ्य समिति की टीम ने यह जानकारी दी। पैथोलॉजिस्ट, रेडियोलॉजिस्ट, फार्मासिस्ट व नर्सों को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

सभी अस्पतालों के लिए उपलब्ध कराई धनराशी

राज्य स्वास्थ्य समिति ने सभी अस्पतालों को लैपटॉप-कंप्यूटर खरीदने के लिए इन अस्पतालों को धनराशि उपलब्ध करा दी है। हालांकि, एलएनजेपी हड्डी हॉस्पिटल, न्यू गार्डिनर इंडोक्राइन सुपरस्पेशियलिटी व राजेंद्र नगर नेत्र विशिष्ट अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने में अभी समय लगेगा।

शुक्रवार को समाप्त हुआ कार्यक्रम

प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख सह एलएनजेपी हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. एनएन राय, डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉ. शाश्वत कुमार, डॉ. श्याम किशोर समेत अन्य अस्पतालों के उपाधीक्षक, चिकित्सा प्रभारी व स्वास्थ्य प्रबंधक मौजूद थे। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 18 मार्च से चल रहा था जो शुक्रवार को समाप्त हो गया।

डॉ. एनएन राय ने कहा कि स्वास्थ्यकर्मी सुगमता व सहजता से मरीजों की सेवा कर सकें इसलिए स्वास्थ्य विभाग को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। मरीजों को चाहिए कि वे भव्या पोर्टल और आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड यानी आभा कार्ड, दोनों के तहत पंजीयन जरूर करा लें।

इससे उनका मेडिकल रिकॉर्ड दोनों जगह संरक्षित होता रहेगा और जरूरत पड़ने पर मरीज की सहमति से देश को कोई भी डॉक्टर कहीं भी इसे देख सकेगा।

भव्या पोर्टल में पंजीयन के फायदे

रोगियों के भव्या पोर्टल पर पंजीयन कराने पर डॉक्टर जो भी दवाएं व जांच लिखेंगे, वह ऑनलाइन संरक्षित हो जाएगी।

पैथोलाजी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट व अस्पताल से कितनी दवाएं मिलीं, किस डॉक्टर ने देखा सब इसमें दर्ज होगा। रोगियों को बार-बार पंजीयन कराने पर सिर्फ नंबर बताना होगा और पुराने पर्चे लेकर नहीं आना होगा।

आयुष्मान भारत हेल्थ कार्ड यानी आभा कार्ड से भव्या नंबर को लिंक कराने पर पूरा मेडिकल इतिहास उसमें भी दर्ज होता रहेगा। इससे देश के किसी भी अस्पताल का डॉक्टर आपसे नंबर व ओटीपी लेकर आपको कब किस अस्पताल में किस डॉक्टर ने देखा, जांच रिपोर्ट में क्या था, कौन सी दवा खाई थी आदि की जानकारी प्राप्त कर सकेगा।

क्या है भव्या पोर्टल

मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के तहत अस्पतालों को पेपरलेस करने व रोगी का पूरा चिकित्सकीय इतिहास ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए भव्या(बिहार हेल्थ एप्लीकेशन विजनरी योजना फॉर ऑल) सॉफ्टवेयर एप तैयार किया गया है।

भव्या में निबंधन के लिए रोगियों को सिर्फ अपना आधार नंबर व इससे जुड़ा मोबाइल नंबर बताया होगा। पंजीयनकर्मी जैसे ही सभी जानकारी अपलोड करेगा, रोगी के मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा और उसे डालते हुए 14 अंक का भव्या वेब पोर्टल का नंबर मरीज को मिल जाएगा।

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