कुशवाहा की 'खीर सियासत' पर मांझी ने कही ये बात, बोले- महागठबंधन में आइए जनाब
केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर राजग में मची हलचल पर जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी आलोचना की है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। पूर्व मुख्यमंत्री सह हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा की 'खीर पॉलिटिक्स' पर मुंह खोला है। उनके अनुसार वे खीर में विश्वास नहीं करते, बल्कि सत्तू सानने और खिचड़ी बनाने में विश्वास करते हैं। मांझी ने कहा कि अगर कुशवाहा कहते हैं कि राजग में कुछ लोग नहीं चाहते कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनें तो उनके मुंह में घी-शक्कर। वे अब महागठबंधन में आ जाएं।
जीतनराम मांझी ने यह भी कहा कि महागठबंधन को विजयी बनाना उनका लक्ष्य है। इसके लिए वे हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। राजग को हरा कर ही दम लेंगे। जरूरत पड़ी तो चुनाव भी नहीं लड़ेंगे और एक सीट की भी मांग नहीं करेंगे।
महागठबंधन में समय रहते आ जाएं कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा के खीर वाले चर्चित बयान पर मांझी ने कहा कि वे कुशवाहा की तरह खीर में विश्वास नहीं करते। बल्कि, सत्तू सानने और खिचड़ी बनाने में विश्वास करते हैं। बोले कि अगर कुशवाहा को लगता है कि राजग के ही कुछ लोग नहीं चाहते कि नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनें, तो उनके मुंह में घी-शक्कर। कुशवाहा जितनी जल्दी हो महागठबंधन में शामिल हो जाए, देर होने पर कहीं स्कोप ही न बचे।
झुग्गी-झोपडिय़ों को तोडऩा बताया गलत
बिहार की नीतीश सरकसार पर भी हमला करते हुए मांढी ने कहा कि पटना को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए झुग्गी-झोपडिय़ों को तोडऩा गलत है। अगर नीतीश सरकार को इन लोगों की जरूरत नहीं है तो फिर इनको बिहार से बाहर क्यों नहीं कर देते। इस कार्रवाई से स्पष्ट हो गया कि नीतीश कुमार गरीबों के हिमायती नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार झुग्गी- झोपडिय़ों में बसर करने वालों को 15 दिनों के अंदर रहने के लिए जगह नहीं देती तो बड़ा आंदोलन होगा।