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सर्वार्थ सिद्धि योग में मनी मकर संक्रांति, लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

श्रद्धा और भक्ति का पर्व मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम मनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 10:36 PM (IST)
सर्वार्थ सिद्धि योग में मनी मकर संक्रांति, लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी

श्रद्धा और भक्ति का पर्व मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार को शहर के विभिन्न हिस्सों में धूमधाम से मनाया गया। मंगलवार की अहले सुबह से ही शहर के प्रमुख गंगा घाटों पर आस्था का जन सैलाब देखने को मिला। जैसे-जैसे दिन साफ होते जा रहा था घाटों पर आए दिनों की अपेक्षा श्रद्धालुओं की भीड़ खूब थी। महिला-पुरुषों के साथ बच्चों ने गंगा में डुबकी लगा भगवान सूर्य को अ‌र्घ्य दे दान-पुण्य किया। संक्रांति पर एक ओर जहां गंगा घाटों पर भीड़ उमड़ी वही दूसरी ओर शहर के बांस घाट काली मंदिर, दरभंगा हाउस काली मंदिर, स्टेशन रोड हनुमान मंदिर आदि जगहों पर सुबह से लेकर देर शाम तक लोगों की भीड़ रही। लोगों ने गंगा स्नान दान कर तिल, गुड़ आदि का दान किया। कर्मकांड विशेषज्ञ पंडित राकेश झा ने कहा कि मकर संक्रांति के मौके पर ग्रह-गोचरों की स्थिति भी अनुकूल रही। सर्वार्थ सिद्धि योग में लोगों ने मंगलवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया।

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घाटों पर उमड़ी लोगों की भीड़ -

मकर संक्रांति के मौके पर मंगलवार को दरभंगा हाऊस काली घाट, एनआईटी घाट, गांधी घाट आदि घाटों पर लोगों का रेला लगा था। संक्रांति के मौके पर घाटों की सफाई स्थानीय व नगर निगम की ओर से की गई थी। पंडित राकेश झा ने कहा कि मकर संक्रांति के मौके पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। संक्रांति पर गंगा स्नान करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन ही महर्षि प्रवहण को प्रयाग के तट पर गंगा स्नान के दौरान भगवान सूर्य से पांच अमृत तत्वों की प्राप्ति हुई थी। संक्रांति के दिन ठंड के बावजूद लोगों में उत्साह देखते बन रहा था। काली घाट स्थित काली मंदिर पर अपेक्षाकृत श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक थी। मंदिर में पूजा-अर्चना करने वालों की लंबी कतार लगी थी।

भगवान सूर्य का मकर राशि में हुआ प्रवेश -

संक्रांति के मौके पर गंगा घाट की ओर जाने वाले रास्ते किनारे फल-फूलों की दुकानें सजी थी। आए दिनों की अपेक्षा पूजन सामग्री के दाम कुछ अधिक थे। बावजूद आस्था के आगे लोगों ने फल-फूल के साथ तिल-गुड़ आदि की जमकर खरीदारी करते नजर आए। पंडित राकेश झा ने कहाकि भगवान सूर्य गुरु बृहस्पति की राशि छोड़कर पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश कर गए हैं। ऐसी मान्यता है कि संक्रांति के दिन देवी-देवता संगम प्रयाग में स्नान करने आते हैं। मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का प्रवेश मकर राशि में होता है। इसके पहले सूर्य धनु राशि में होते हैं। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने के बाद मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। लोगों ने मकर संक्रांति के मौके पर अपनी राशि के अनुसार ब्राह्माणों को दान-पुण्य कर उनसे आशीष लिया।

संक्रांति पर आसमान में रंग बिरंगे पतंग -

संक्रांति के मौके पर आसमान में रंग बिरंगे पतंग अपने करतब दिखाने में लगे थे। घरों की छत से लेकर पार्को में बच्चों ने पतंग उड़ा खुशियां मनाई। शहर के प्रमुख पार्को में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। बच्चों के साथ युवा भी बच्चे बन पतंग उड़ाने में एक दूसरे का मदद करने में लगे थे। वही संक्रांति के मौके पर रंग-बिरंगे पतंगों के साथ लटाई की भी खूब बिक्री हुई।

चार लाख किलो दही की हुई खपत -

मकर-संक्रांति को लेकर राजधानी में दूध एवं दही की खूब बिक्री हुई। पिछले चार दिनों में राजधानी के लोगों ने तीन लाख किलो दही चट कर गए। संक्रांति के मौके पर वही मंगलवार को लगभग एक लाख किलो दही की खपत हुई। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार ने कहा कि संक्रांति के मौके पर लोगों को दूध-दही मिलने परेशानी न हो जिसके लिए दही एक्सप्रेस नामक गाड़ी शहर के विभिन्न हिस्सों में दौड़ते रही। जिससे लोगों को पर्याप्त मात्रा में सामग्री मिली।


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