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पं. दीनदयाल से पटना के बीच हटे कई मेजर कॉशन, 130 किमी स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन

पं. दीनदयाल जंक्शन से झाझा के बीच लगभग 360 किमी की दूरी तक तीसरी रेल लाइन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पिछले तीन वर्षों से सर्वे कार्य चल रहा था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 05:16 PM (IST)
पं. दीनदयाल से पटना के बीच हटे कई मेजर कॉशन, 130 किमी स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन

पटना, जेएनएन। रेल मंत्रालय की ओर से बिहार के लोगों को बड़ी सौगात देने की तैयारी की जा रही है। पं. दीनदयाल जंक्शन (मुगलसराय) से झाझा के बीच लगभग 360 किमी की दूरी तक तीसरी रेल लाइन के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। पिछले तीन वर्षों से सर्वे कार्य चल रहा था। अब यह समाप्त हो चुका है। सर्वे रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। मंत्रालय ने पं. दीनदयाल जंक्शन से झाझा के बीच तीसरी रेल लाइन के निर्माण को हरी झंडी दे दी है। इस रेलखंड के निर्माण की विधिवत घोषणा आने वाले बजट में किए जाने की संभावना है। रेलखंड के निर्माण से पं. दीनदयाल जंक्शन से झाझा के बीच ट्रेनों की गति काफी बढ़ जाएगी। ट्रेनों को अकारण किसी भी स्टेशन पर रोकना नहीं पड़ेगा। रेलखंड के निर्माण पर दो हजार करोड़ से अधिक खर्च होने की संभावना है।

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बिहटा-औरंगाबाद के बीच नई रेललाइन का काम होगा शुरू

मंत्रालय दूसरी बड़ी सौगात बिहटा से औरंगाबाद के बीच रहने वाले लोगों को देने जा रहा है। बिहटा से औरंगाबाद के बीच नई रेललाइन के निर्माण का कार्य भी शीघ्र शुरू होने की संभावना है। काफी दिनों से इस खंड के निर्माण को लेकर आंदोलन किया जा रहा था। राजनीतिक उठापटक भी काफी तेज हो गई थी। रेल मंत्रालय बिहटा-औरंगाबाद रेलखंड के निर्माण कार्य को भी जल्द ही हरी झंडी दे सकता है। इसके लिए बजट का इंतजार है। बजट में इसकी घोषणा किए जाने की पूरी संभावना है। इस रेलखंड के निर्माण में पांच हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च होने की संभावना है। बिहटा से औरंगाबाद के बीच बनने वाली नई रेललाइन में बिहटा व औरंगाबाद के बीच नौ बड़े स्टेशन बनाए जाएंगे। आठ से दस हाल्ट भी बनाए जाने की संभावना है।

मालगाड़ी का भी हो सकेगा परिचालन

हालांकि बिहटा से औरंगाबाद के बीच नई रेललाइन के निर्माण के लिए जो जमीन मिलेगी इसकी कीमत पर बिहार सरकार से बात होनी है। रेल मंत्रालय इसके लिए कम कीमत पर जमीन लेना चाह रहा है। अधिक से अधिक सरकारी जमीन का उपयोग करना चाह रहा है ताकि लागत मूल्य कम हो सके। इस खंड के निर्माण होने से इस क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियां काफी बढ़ जाएंगी। किसानों को अपने अनाज को लाने-ले जाने में परेशानी नहीं होगी। सबसे अधिक फायदा रेलवे को भी होने वाला है। इस रेलखंड के निर्माण से ग्रैंड कॉर्ड लाइन और मेन लाइन को सीधे जोडऩे वाला एक और नया रेलखंड मिल जाएगा। जब कभी मेन या ग्रैड कॉर्ड लाइन पर कोई बाधा होगी तब इस रेलखंड का बेहतर ढंग से उपयोग होगा। मालगाडिय़ों के त्वरित परिचालन के लिए भी यह रेलखंड मील का पत्थर साबित होगा। रेलवे बोर्ड के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक पं. दीनदयाल जंक्शन से झाझा के बीच ट्रेनें 180 फीसद तक ओवरलोडेड चल रही हैं। तीसरी रेल लाइन के बनने से लंबी दूरी की ट्रेनों को चलाने में काफी आसानी होगी। ट्रेनें समय से चलेंगी।


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