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पटना से उत्‍तर बिहार का सफर होगा सुहाना, इसी साल पूरी होगी महात्‍मा गांधी सेतु की मरम्‍मत

इस वर्ष तैयार हो जाएगी पटना और वैशाली के बीच बने गांधी सेतु की पूर्वी लेन सेतु के 46 स्पैन में 14 फुटपाथ 18 और छह पिलरों का हेड कटा 450 इंजीनियर व सुपरवाइजर तथा 900 कर्मी दिन-रात कर रहे काम

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Fri, 12 Feb 2021 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 12 Feb 2021 10:23 AM (IST)
फिलहाल गांधी सेतु की केवल एक ही लेन से हो रहा आवागमन। फाइल फोटो

पटना सिटी, जागरण संवाददाता। पटना से हाजीपुर के बीच का सफर इसी साल सुहाना हो जाएगा। गंगा नदी पर बने महात्मा गांधी सेतु की पूर्वी लेन की मरम्‍मत का काम निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिये जाने की उम्‍मीद जताई जा रही है। यूं तो एजेंसी के पास इस काम को पूरा करने के लिए फरवरी 2022 तक का वक्‍त है, लेकिन काम की रफ्तार को देखते हुए इसे इसी साल पूरा कर लिये जाने की उम्‍मीद है।

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मरम्‍मत कार्य में लगी है 1400 लोगों की टीम

राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-19 से जुड़े से सेतु के निर्माण कार्य में 14 सौ इंजीनियर-कर्मियों की टीम दिन-रात लगी है। तय समय सीमा 15 महीने से पहले ही इस लेन का पुनर्निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद की जा रही है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जनवरी 2022 से पहले यानी इसी वर्ष इस लेन का सुपर स्ट्रक्चर जंगरोधी स्टील से तैयार हो जाएगा।

तीन महीने से कम वक्‍त में काफी काम हो चुका है पूरा

गांधी सेतु के पूर्वी लेन के 46 स्पैन में से 14 के सुपर स्ट्रक्चर को काटा जा चुका है। 18 स्पैन का फुटपाथ कट चुका है। इस पिलर पर सेतु टिका है उनमें से छह पिलर का हेड कट चुका है। इसी पर सुपर स्ट्रक्चर का आधार रखा जाएगा। एक अधिकारी ने बताया कि आधुनिक तकनीक की मदद से तेजी से काम जारी है। 15 नवंबर से काम शुरू हुआ। पंद्रह महीनों में पूरा किया जाना है। काम की रफ्तार को देखते हुए लगता है कि सेतु का यह पूर्वी लेन इसी वर्ष तैयार हो जाएगा।

37-38 स्पैन पर चढऩे लगी स्टील

पूर्वी लेन के स्पैन संख्या 37-38 पर जंगरोधी स्टील का स्ट्रक्चर चढ़ाया जा रहा है। पूरी तरह से स्वदेशी यह स्टील 25 स्पैन के लिए कोलकाता, हरियाणा, रायपुर, पंजाब व अन्य राज्यों से निर्माण स्थल पहुंच चुका है।

डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ व यूटिलिटी कॉरिडोर बनेगा

पूर्वी लेन का पुनर्निर्माण पूरा होने के बाद दोनों लेन के बाहरी हिस्से से डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ का निर्माण होगा। बिजली-पानी व अन्य पाइप को गुजारने के लिए एक मीटर का यूटिलिटी कॉरिडोर बनाया जाएगा।

राजधानी व उत्तर बिहार के बीच एक लेन पर परिचालन

गांधी सेतु के नवनिर्मित पश्चिमी लेन से ही पटना और उत्तर बिहार के लिए वाहनों की आवाजाही हो रही है। इस लेन पर किसी वाहन के अचानक खराब हो जाने या दुर्घटना होने पर वाहन निकालने के दौरान भीषण जाम लग जाता है। इस जाम का असर एनएच-30 से लेकर भद्रघाट स्थित पीपा पुल पर भी पड़ता है।


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