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जगमग हुआ महात्मा गांधी सेतु का पीपा पुल, मगर सुरक्षाकर्मी नदारद

पटना के महात्मा गांधी सेतु का नजारा बदल गया है। अब रात में पुल रोशनी से नहाया रहता है। जिससे रातभर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 02:54 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 02:54 PM (IST)
जगमग हुआ महात्मा गांधी सेतु का पीपा पुल, मगर सुरक्षाकर्मी नदारद

पटना, जेएनएन। पटना एवं वैशाली जिला प्रशासन की तमाम कोशिशों के करीब ढाई महीने बाद आखिरकार महात्मा गांधी सेतु पर पीपा पुल के लिए लाइट लगा दी गई। सेतु के पूर्वी हिस्से में रेलिंग पर लगी लाइट से सामानान्तर बना पीपा पुल जगमग हो गया। रोशनी के बीच रातभर पीपा पुल पर वाहनों का परिचालन जारी रहा। चिंता की बात है कि रात में गंगा पार करने वाले वाहनों एवं लोगों की सुरक्षा के लिए एक भी पुलिस कर्मी पीपा पुल के दोनों किनारे नजर नहीं आए।

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रात में बेहद खूबसूरत हो जाता है नजारा

पुल के सुपर स्ट्रक्चर का निर्माण कर रही कंपनी इफ्कॉन द्वारा गांधी सेतु पर पाया संख्या एक से लेकर 46 तक रेलिंग में लाइट लगा कर पीपा पुल पर फोकस किया गया है। तेज रोशनी वाली लाइट का अक्स पानी पर पडऩे से पीपा पुल के समीप का नजारा रात में बेहद खूबसूरत हो गया है। गायघाट स्थित गंगा तट पर भी पुलिस कर्मी के नहीं रहने से पुल पार करने से पहले लोग संभावित घटना से सशंकित रहे। आते-जाते लोगों ने कहा कि पुलिस के रहने से सुरक्षित होने का अहसास होता है। हाजीपुर के तेरसिया स्थित गंगा तट पर भी पुलिस की तैनाती नहीं दिखी। गंगा थानाध्यक्ष शशि रंजन कुमार ने बताया कि गंगा तट से लेकर पुराने टोल प्लाजा तक के मार्ग में रात के समय पुलिस गश्त करती है। लाइट से यह मार्ग रौशन है।

लगन को ले वाहनों की संख्या बढ़ी, सेतु पर कोई दबाव नहीं

पीपा पुल पर रौशनी होने जाने के कारण कई बारात के दर्जनों वाहन इस मार्ग से आते-जाते दिखे। पटना से हाजीपुर की ओर सभी तरह के छोटे वाहनों की आवाजाही जारी रही। आधी रात में साइकिल से भी लोग इस पुल के रास्ते आते-जाते नजर आए। यात्रियों ने बताया कि पहले अंधेरा होने की वजह से लोग इस पुल से गुजरने में डरते थे। अब डर नहीं लगता। लेकिन पुलिस कर्मी की चौकसी जरूरी है। रात में घटना किसी के साथ किसी भी समय हो सकती है। पीपा पुल पर पूरी रात वाहनों के चलने के कारण गांधी सेतु पर वाहनों का दबाव नहीं रहा। जाम भी नहीं लगा। पाया संख्या एक से लेकर 46 तक के पूर्वी लेन की सिंगल सड़क से भारी वाहनों की आवाजाही होने के दौरान वाहन के अचानक खराब हो जाने से जाम की समस्या उत्पन्न होती है।


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