बुद्ध पूर्णिमा पर आज लग रहा वर्ष का पहला चंद्रग्रहण, जानिए बिहार में इसका असर और टाइमिंग
Lunar Eclipse 2022 Update वैशाख पूर्णिमा पर वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण आज बिहार में बुद्ध पूर्णिमा की वजह से भी खास है आज का दिन जानिए ग्रहण का असर पूूजा और दान करने से होने वाले फायदों के बारे में
जागरण संवाददाता, पटना। Lunar Eclipse 2022 in Bihar: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का अधिक महत्व होता है। वैशाख शुक्ल पूर्णिमा सोमवार को विशाखा नक्षत्र व वरीयान योग में वर्ष का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। यह चंद्रग्रहण खग्रास चंद्रग्रहण होगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस कारण इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। वहीं दूसरी ओर भगवान बुद्ध का जन्म भी वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा पर लगने वाला चंद्र ग्रहण दक्षिण-पश्चिम यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत व हिंद महासागर में दिखाई देगा। भारतीय समय के अनुसार, चंद्र ग्रहण 16 मई को सुबह 7.02 से आरंभ होकर दोपहर 12.20 बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग पांच घंटे 18 मिनट का होगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग में बुद्ध पूर्णिमा का व्रत
ज्योतिष आचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांग के हवाले से बताया कि भगवान विष्णु के प्रिय मास वैशाख के स्नान-दान की पूर्णिमा सोमवार को सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। वैशाख पूर्णिमा के दिन हीं भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिए थे। पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के साथ घरों में भगवान की विष्णु की पूजा अर्चना करने के साथ जरूरतमंदों को दान-पुण्य करेंगे।
दान-पुण्य करने का महत्व
वैसे तो चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा। ऐसे में सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। फिर भी खग्रास चंद्र्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्रों का जाप, भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना करना शुभ होगा। ग्रहण के दौरान या बाद में जरूरतमंदों का कपड़े, भोजन आदि कराने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। चंद्र ग्रहण के बाद स्नान कर सफेद वस्तुओं को दान करना शुभ माना जाता है।
- भारतीय समयानुसार सुबह 7.02 से आरंभ होगा
- दोपहर 12.20 बजे तक रहेगा ग्रहण काल
- वैशाख पूर्णिमा पर श्रद्धालु लगाएंगे आस्था की डुबकी
- घरों व मंदिरों में होगी भगवान विष्णु की पूजा
- वैशाख पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि का योग