Lockdown: आर्गेनिक उत्पाद दूर कर सकते हैं बेरोजगारी, व्यवसाय से ऐसे जुड़ सकते हैं आप
आर्गेनिक उत्पादों का उत्पादन और बिक्री कर हम अपनी बेरोजगारी दूर कर सकते हैं। इस खबर में जानें कैसे आप शुरू कर सकते हैं व्यवसाय।
दिलीप ओझा, पटना। बेरोजगारी दूर करने की दिशा में बिहार सरकार प्रयत्नशील है। कोरोना काल में दूसरे राज्यों से प्रवासी श्रमिकों के बिहार लौटने का सिलसिला बना हुआ है, ऐसे में सरकार और सक्रिय हो गई है। दरअसल, प्रवासी श्रमिकों को नए रोजगार की तलाश है। दैनिक जागरण ने इस दिशा में उन्हें मदद करने के मकसद से विशेषज्ञों के सुझाव पर आधारित रोजी-रोजगार की नई राह दिखाने की ओर कदम बढ़ाया है। इस कड़ी में आर्गेनिक उत्पादों के उत्पादन एवं बिक्री से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
सब्जी और अनाज के उत्पादन में अधिकांशत
रसायनिक कीटनाशकों का अवैज्ञानिक प्रयोग हो रहा है। जाहिर है ऐसी पैदावार हमें किसी न किसी रूप में नुकसान ही पहुंचाती है। इस वजह से आर्गेनिक सब्जी और अनाज की मांग लगातार बढ़ रही है। सीधे कहें तो आर्गेनिक उत्पादों का उत्पादन और बिक्री कर हम अपनी बेरोजगारी दूर कर सकते हैं।
इस व्यवसाय से कैसे जुड़ सकते हैं
भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से कृषि क्लीनिक्स एवं कृषि व्यवसाय केंद्रों से मदद ली जा सकती है। इन्हें कृषि, रसायन, वनस्पति, जीव एवं गृह विज्ञान के स्नातक संचालित करते हैं। यहां आप आर्गेनिक उत्पादन का प्रशिक्षण ले सकते हैं। कृषि उत्पादक संगठन यानी एफपीओ का गठन कर सकते हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर जैविक खाद्य पदार्थों की दुकान खोल सकते हैं। जैविक खाद का उत्पादन कर सकते हैं। अपने उत्पादों का एक ब्रांड के तहत विपणन कर सकते हैं। इन कार्यों के लिए मानकीकरण एवं प्रमाणीकरण के साथ ऋण अनुदान भी प्राप्त कर सकते हैं।
भारत सरकार के कृषि मंत्रालय की नोडल एजेंसी सृष्टि फाउंडेशन के अध्यक्ष एके ठाकुर ने कहा कि बिहार की 8400 ग्राम पंचायतों 80 नगर पंचायतों, एवं 38 जिला मुख्यालयों में 1000 प्रमाणित जैविक खाद्य पदार्थों का उत्पादन एवं बिक्री केंद्र खोला जा सकता है। हर केंद्र से दस लोगों को रोजगार मिल सकता है। अलावा मुद्रा योजना के तहत 50 हजार से दस लाख रुपये तक का बिना गारंटी ऋण भी इच्छुक व्यक्ति प्राप्त कर सकता है। राज्य सरकार के कृषि एवं उद्यान विभाग से 50 फीसद तक अनुदान भी प्राप्त किया जा सकता है।
इन संस्थाओं से ले सकते हैं सहयोग
स्थानीय बैंक, ग्रामीण विकास एवं स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रूडसेटी), कृषि और उद्यान विभाग-बिहार सरकार, आत्मा-बिहार सरकार, कृषि विज्ञान केंद्र-भारत सरकार, डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्रीय कृषि विश्वविद्यालय -पूसा, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर-भागलपुर, कृषि क्लीनिक्स एवं कृषि व्यवसाय केंद्र कृषि मंत्रालय-भारत सरकार, रश्मि कांप्लेक्स, किदवईपुरी, पटना।