पार्सल के बाेरे में रखी जाती थी शराब, नाले के रास्ते महिलाएं लगाती थीं ठिकाने
पुलिस ने पटना में शराब कारोबार के एेसे गिरोह का खुलासा किया है जिसका संचालन महिलाएं करती थीं। नाले के रास्ते शराब लाई जाती थी और बेची जाती थी।
By Edited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 09:30 PM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 08:55 AM (IST)
पटना, जेएनएन। राजधानी में शराब की खेप खपाने के लिए तस्कर हर हथकंडा अपना रहे हैं। इसके लिए दूसरे राज्यों से पार्सल के जरिए शराब मंगाई जा रही है। कोतवाली थाने की पुलिस ने मंगलवार की देर रात कमला नेहरू नगर स्थित झोपड़ी में छापेमारी कर एक ऐसे गिरोह पर्दाफाश किया है जो नाले के रास्ते शराब की खेत को ठिकाने लगाते थे। इसमें दो महिलाओं समेत तीन तस्करों को शराब की खेप के साथ गिरफ्तार किया है। कोतवाल रमाशंकर ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य तस्करों की तलाश की जा रही है।
झोपड़ी के साथ शौचालय में रखी थी शराब
पुलिस को सूचना मिली थी कि कमला नेहरू नगर में दो दिन पूर्व शराब की खेप मंगाई गई है। छानबीन के बाद पुलिस को सही ठिकाना पता चल गया। इसके बाद मंगलवार की रात पुलिस बैजनाथ प्रसाद उर्फ ढोढ़वा के झोपड़ी की घेराबंदी कर तलाशी लेने लगी। झोपड़ी में पार्सल के बोरे में 35 लीटर देसी के साथ ही विदेशी शराब भी मिली। पुलिस जांच में पता चला ढोढ़वा की दोनों पत्िनयां शानो देवी और श्यामा देवी ही शराब बेच रही थीं। झोपड़ी के पास बने शौचालय के पास पुलिस ने मो. आसिफ उर्फ बटेसर को पकड़ लिया। उसने पुलिस जवान की कलाई पर दांत काटकर भागने का प्रयास किया। पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि शौचालय में भी शराब छिपाई गई है। पुलिस ने शौचालय से 33 लीटर विदेशी शराब बरामद की। सभी शराब झारखंड निर्मित है।
शराब की तस्करी में पूरा परिवार शामिल
पुलिस की मानें तो कमला नेहरू नगर स्थित स्लम बस्ती में कई बार शराब बरामद हो चुकी है। कोतवाली पुलिस ने पांच माह पूर्व ढोढ़वा को शराब मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ दिनों में वह जेल से बाहर आ गया। तीन माह पूर्व उसे धनबाद में वहां की पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। ढोढ़वा के जेल जाने के बाद उसका बेटा राजा तस्करी में जुट गया। कोतवाली पुलिस ने राजा को भी डेढ़ माह पूर्व गिरफ्तार कर फुलवारीशरीफ जेल भेज दिया। फिर ढोढ़वा की दोनों पत्िनयां झारखंड के शराब तस्करों से मिलकर पार्सल से शराब मंगाने लगी थीं और झोपड़ी से ही सप्लाई कर रही थीं।
झोपड़ी के पास नाला, तस्करी में बच्चों का इस्तेमाल
पार्सल पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आता है। वहां से शानो और श्यामा के गिरोह में शामिल दो युवक पार्सल का सामान प्लेटफॉर्म से कुछ दूर पर बने नाले के पास ले जाते हैं। नाला कमला नेहरू नगर होते हुए आगे की तरफ गया है। तस्कर पार्सल का बोरा लेकर नाले में घुस जाते हैं। फिर सीधे कमला नेहरू नगर स्लम बस्ती स्थित झोपड़ी के पास पहुंच जाते है। इसके बाद बच्चों के जरिए कचरे के बोरे में दो से तीन बोतल शराब रखकर उन्हें बेचा जाता था। नाले के रास्ते शराब की खेप की खबर पुलिस को भी नहीं थी।
झोपड़ी के साथ शौचालय में रखी थी शराब
पुलिस को सूचना मिली थी कि कमला नेहरू नगर में दो दिन पूर्व शराब की खेप मंगाई गई है। छानबीन के बाद पुलिस को सही ठिकाना पता चल गया। इसके बाद मंगलवार की रात पुलिस बैजनाथ प्रसाद उर्फ ढोढ़वा के झोपड़ी की घेराबंदी कर तलाशी लेने लगी। झोपड़ी में पार्सल के बोरे में 35 लीटर देसी के साथ ही विदेशी शराब भी मिली। पुलिस जांच में पता चला ढोढ़वा की दोनों पत्िनयां शानो देवी और श्यामा देवी ही शराब बेच रही थीं। झोपड़ी के पास बने शौचालय के पास पुलिस ने मो. आसिफ उर्फ बटेसर को पकड़ लिया। उसने पुलिस जवान की कलाई पर दांत काटकर भागने का प्रयास किया। पूछताछ के बाद पुलिस को पता चला कि शौचालय में भी शराब छिपाई गई है। पुलिस ने शौचालय से 33 लीटर विदेशी शराब बरामद की। सभी शराब झारखंड निर्मित है।
शराब की तस्करी में पूरा परिवार शामिल
पुलिस की मानें तो कमला नेहरू नगर स्थित स्लम बस्ती में कई बार शराब बरामद हो चुकी है। कोतवाली पुलिस ने पांच माह पूर्व ढोढ़वा को शराब मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ दिनों में वह जेल से बाहर आ गया। तीन माह पूर्व उसे धनबाद में वहां की पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। ढोढ़वा के जेल जाने के बाद उसका बेटा राजा तस्करी में जुट गया। कोतवाली पुलिस ने राजा को भी डेढ़ माह पूर्व गिरफ्तार कर फुलवारीशरीफ जेल भेज दिया। फिर ढोढ़वा की दोनों पत्िनयां झारखंड के शराब तस्करों से मिलकर पार्सल से शराब मंगाने लगी थीं और झोपड़ी से ही सप्लाई कर रही थीं।
झोपड़ी के पास नाला, तस्करी में बच्चों का इस्तेमाल
पार्सल पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर आता है। वहां से शानो और श्यामा के गिरोह में शामिल दो युवक पार्सल का सामान प्लेटफॉर्म से कुछ दूर पर बने नाले के पास ले जाते हैं। नाला कमला नेहरू नगर होते हुए आगे की तरफ गया है। तस्कर पार्सल का बोरा लेकर नाले में घुस जाते हैं। फिर सीधे कमला नेहरू नगर स्लम बस्ती स्थित झोपड़ी के पास पहुंच जाते है। इसके बाद बच्चों के जरिए कचरे के बोरे में दो से तीन बोतल शराब रखकर उन्हें बेचा जाता था। नाले के रास्ते शराब की खेप की खबर पुलिस को भी नहीं थी।
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