Bihar Flood: जलजमाव से घिरे अधिवक्ता को हार्ट-अटैक, मदद के अभाव में तड़प-तड़पकर मौत
पटना के कंकड़बाग इलाके में गले तक जलजमाव में घिरे एक अधिवक्ता को अचानक हार्ट अटैक आ गया। मदद के अभाव में उनकी मौत के बाद अब परिजनों ने इंसाफ के लिए आवाज उठाई है।
पटना [जेएनएन]। बीते दिनों की बारिश के कारण पटना में भारी जलजमाव में फंसे एक अधिवक्ता को दिल का दौरा पड़ा। परिजनों ने कंट्रोल रूम से लेकर पुलिस व एनडीआरएफ-एसडीआरएफ तक मदद की गुहार लगाई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। अंतत: अधिवक्ता की घर में ही तड़प-तड़पकर मौत हो गई। घटना पटना के कंकड़बाग में 29 सितंबर को हुई। सदमे से उबरने के बाद अब परिजनों ने इंसाफ के लिए आवाज उठाई है।
तीन घंटे तक तड़पते रहे अधिवक्ता
कंकड़बाग में बारिश के पानी से भीषण जलजमाव के दौरान प्रशासनिक सहायता के इंतजार में तीन घंटे तक पटना सिविल कोर्ट के अधिवक्ता प्रमोद (55) तड़पते रहे और इस बीच उनकी जान चली गई।
हर जगह लगाई गुहार, नहीं मिली मदद
बिहार स्टेट बार काउंसिल की सदस्य शहनाज फातिमा ने बताया कि अधिवक्ता प्रमोद को दोपहर में दिल का दौरा पड़ा था। परिजनों ने जिला नियंत्रण कक्ष, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल सर्जन और कंकड़बाग थाने को कॉल किया। इस दौरान सभी एक-दूसरे पर मामले को फेंकते रहे, मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा। वे दर्द से कराहते रहे और फिर उनकी मौत हो गई।
कंकड़बाग की रेंटल फ्लैट कॉलोनी में फ्लैट संख्या-258 में अधिवक्ता प्रमोद परिवार के साथ रहते थे। 29 सितंबर को इलाके में गले तक तक पानी था, इसलिए घर से निकलना संभव नहीं था। परिजनों ने 1.50 बजे जिला नियंत्रण कक्ष में कॉल कर अस्पताल तक पहुंचाने की गुहार लगाई। आश्वासन के 20 मिनट बाद तक जब कोई सूचना नहीं मिली तो दोबारा जिला नियंत्रण कक्ष को कॉल किया। इस बार एनडीआरएफ कमांडेंट का नंबर मिला। उस पर नंबर पर कॉल करने के बाद एसडीआरएफ का नंबर दिया गया। कंकड़बाग थाने के नंबर पर भी कॉल की गई। लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिली।
मौत के बाद भी नहीं पहुंची रेस्क्यू टीम
इस बीच तीन घंटे तक तड़प-तड़पकर अधिवक्ता ने दम तोड़ दिया। इसके बाद भी कोई रेस्क्यू टीम नहीं पहुंची। अधिवक्ता प्रमोद 29 वर्षों से सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे थे। पिछले साल बेटी की शादी हुई है। अब परिजनों ने संबंधित एजेंसियों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आवाज उठाई है। आगे 14 अक्टूबर को कोर्ट खुलने के बाद प्रशासनिक लापरवाही के खिलाफ कठोर कदम उठाने की रणनीति तैयार की जाएगी।