ललन सिंह ने पहली बार भाजपा पर सीधा हमला बोला, आरसीपी सिंह के बहाने अमित शाह को भी घेरा
Bihar Politics भाजपा और जदयू में दरार अब साफ दिखने लगी है। दरार की वजह बने हैं आरसीपी सिंह। जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पूरे मामले पर बहुत कुछ कह दिया है। उन्होंने अमित शाह को भी मामले में लपेटा है।
राज्य ब्यूरो, पटना : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के बयान से यह साफ हो गया है कि वह कैसे केंद्र में मंत्री बने और किसने उन्हें मंत्री बनाया। अब भाजपा यह थोड़े तय करेगी कि केंद्र में जदयू का मंत्री कौन होगा। मीडिया द्वारा पूछे गए कुछ प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने यह बात कही। ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह ने यह कहा कि केंद्र में मंत्री बनने को ले गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें कहा था कि उनके नाम पर ही सहमति है। आप मंत्री बन जाइए। यह सूचना उन्होंने मुख्यमंत्री को दी थी।
तब मुख्यमंत्री ने यह कहा था कि जब मन ही है और सहमति भी हो गई है तो जाकर बन जाइए। आरसीपी सिंह की इस स्वीकारोक्ति से मेरी यह बात पुष्ट हो गई है कि उन्हें केंद्र में मंत्री पद कैसे मिला।ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी सिंह यह कह रहे कि 1998 से वह समता और जदयू को जानते हैं। सभी को यह मालूम है कि 1998 में आरसीपी सिंह रेल मंत्री नीतीश कुमार के कर्मचारी थे। रेल मंत्री के तो दर्जन भर कर्मचारी होते हैं। उसी में आरसीपी भी एक कर्मचारी थे। पार्टी में तो वह 2010 में आए। वह लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, पर टिकट नहीं मिला। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्यसभा भेजा। मंगलवार को अचानक मुख्यमंत्री द्वारा जदयू के विधायकों की बुलाई जा रही के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि आरसीपी प्रकरण के बाद की जो स्थिति बनी है उसी पर मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है।
नीतीश कुमार के फैसले पर पार्टी कायम
ललन सिंह ने कहा कि उनकी आशंका सही थी और इसे खुद आरसीपी सिंह के बयान ने क्लीयर कर दिया। जदयू की ओर से नीतीश कुमार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने पर पहले ही एक फैसला लिया था। पार्टी अधिक भागीदारी चाहती थी। इस फैसले में आज भी कोई बदलाव नहीं हुआ है। जदयू अध्यक्ष सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनका दल केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने जा रहा है। ललन सिंह के बयान और अंदाज से साफ है कि जदयू में भाजपा के प्रति सब कुछ बिल्कुल सकारात्मक नहीं है।