हाईकोर्ट की कड़ी फटकार- जब शिक्षक ही नहीं तो सरकार बंद क्यों नहीं कर देती स्कूल
पटना हाईकोर्ट ने प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगायी है। कोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार एेसे स्कूलों को बंद क्यों नहीं कर देती?
पटना, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर सरकार ऐसे स्कूलों को बंद ही क्यों कर देती? क्या बच्चे सिर्फ परीक्षा फॉर्म भरने के लिए स्कूल जाएं।
यह टिप्पणी न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की पीठ ने गुरुवार को मिडिल स्कूलों के अपग्रेडेशन मामले की सुनवाई करते हुए की। कोर्ट ने कहा बच्चे शिक्षकों के बगैर कैसे पढ़ेंगे। शिक्षा के नाम पर सरकारी स्कूलों में केवल मजाक हो रहा है।
जयराम यादव की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि सरकार स्कूलों को अपग्रेड करने में सुस्ती दिखा रही है। यह मामला शेखपुरा जिलान्र्तगत डीहा अरारी स्थित पहाड़पुर के मिडिल स्कूल को हाईस्कूल में अपग्रेड करने का था।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार की नीति निर्देश के आलोक में प्रत्येक पांच किलोमीटर पर एक हाई स्कूल होना चाहिए। जबकि यहां से दूर-दूर तक कोई सरकारी स्कूल नहीं है। सरकार ने स्कूल को अपग्रेड करने के लिए योजना बनाई है लेकिन शिक्षक नहीं मिल रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि स्कूल अपग्रेड कर दिया गया है लेकिन शिक्षक की स्वीकृत पदों को नहीं भरा जा सका है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में शिक्षकों से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।