Lok Sabha Election 2019: कौशलेंद्र ने बचाया नीतीश का गढ़, नालंदा से लगाई जीत की हैट्रिक
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा से एनडीए उम्मीदवार कौशलेंद्र कुमार को जीत मिली है। उन्होंने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी अशोक कुमार आजाद को हरा दिया है।
बिहारशरीफ, जेएनएन। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा में उन्हें विजय मिली है। अनुमान के मुुताबिक एनडीए के जदयू प्रत्याशी कौशलेंद्र कुमार ने जीत की हैट्रिक लगाई है। कौशलेंद्र ने महागठबंधन के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रत्याशी अशोक कुमार आजाद को एक रोचक मुकाबले में हरा दिया है।
2014 में कांटे का रहा संघर्ष
पिछली बार 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मजबूत त्रिकोण बना था। जद यू अकेले दम चुनाव मैदान में था। वहीं लोजपा ने भाजपा व रालोसपा के समर्थन से प्रत्याशी दिया था। कांग्रेस ने राजद के समर्थन से उम्मीदवार उतारा था। उस चुनाव में हर दल को अपनी-अपनी ताकत का अंदाजा हो गया था। प्रत्याशियों को मिले मत से राजनीतिक दलों के जातीय आधार का स्पष्ट संकेत मिल गया था। वहीं प्रत्याशी की जाति का भी बड़ा असर दिखा था। फिर भी संघर्ष कांटे का रहा था। जद यू प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार मात्र नौ हजार 627 मतों से लोजपा प्रत्याशी सत्यानंद शर्मा को हरा सके थे।
नीतीश फैक्टर किया था काम
कौशलेन्द्र की जीत के पीछे नीतीश फैक्टर रहा था। उनके नाम पर कुछ लोगों ने जातीय समीकरण के इतर मतदान किया था। लोजपा प्रत्याशी सत्यानंद शर्मा अतिपिछड़ी जाति के थे। उन्हें लोजपा और भाजपा के आधार मतों के अलावा अब तक जद यू की तरफ खड़े रहे अतिपिछड़ों के भी अच्छे-खासे वोट मिले थे। कांग्रेस ने पूर्व डीजीपी आशीष रंजन सिन्हा को प्रत्याशी बनाया था। पार्टी की सोच थी कि आशीष कुर्मी जाति के हैं, इसलिए कुर्मी मतों में थोड़ी सेंधमारी कर लेंगे। उसमें राजद के आधार मतों का साथ मिल गया तो परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं। परंतु नीतीश कुमार के कारण कुर्मी व कोईरी मतों में कोई विभाजन नहीं हो सका। इस कारण आशीष रंजन को सिर्फ राजद के आधार मत ही मिल सके और वे 1 लाख 27 हजार 270 मत लाकर तीसरे नंबर पर रहे।
जल्द ही बदल गया वोटरों का मिजाज
परंतु 2014 में दिखा वोटरों का मिजाज 2019 में महागठबंधन के प्रत्याशी चयन का आधार बन गया। महागठबंधन ने अतिपिछड़ी जाति का उम्मीदवार देकर एनडीए को कड़ी चुनौती दे डाली। 2014 में कुल पड़े मतों का 34.93 फीसद मत ही कौशलेन्द्र हासिल कर सके। निकटतम प्रतिद्वंद्वी लोजपा के सत्यानंद शर्मा ने कुल पड़े मतों का 33.88 फीसद मत हासिल कर दिखाया था। जीत का अंतर मात्र 1.05 फीसद रहा था।
प्रत्याशी पार्टी
1. कौशलेन्द्र कुमार जदयू
2. शशि कुमार बसपा
3. शशि कुमार एनसीपी
4. अनिल कुमार भारतीय जन क्रांति दल
5. अशोक कुमार आजाद हम
6. कुमार हरिचरण सिंह यादव भामो फ्रंट
7. चिरंजीव कुमार शिवसेना
8. दिलीप राउत माजपा
09 दीनानाथ पांडेय भा.ई. पार्टी
10 पवन कुमार पांडेय भालोरा पार्टी
11. पुरुषोत्तम शर्मा नेजा पार्टी
12 ब्रह्मदेव प्रसाद शोषित समाज दल
13 राजीव रंजन कुमार जन अधिकार पार्टी
14. रामचरित्र प्रसाद सिंह हिन्दुस्तान निर्माण दल
15 रामचन्द्र प्रसाद समग्र उत्थान पार्टी
16. रामविलाफ पासवान राष्ट्रीय ङ्क्षहद सेना
17. रेखा कुमारी पूर्वाचल महा पंचायत
18. शंकर पांडेय बहुजन न्याय दल
19. संजीत कुमार जनतांत्रिक विकास पार्टी
20. सम्पत्ति कुमार सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी
21. सुनील रविदास रिपब्लिक पार्टी आफ इंडिया
22. सुरेन्द्र सिंह भारत प्रभात पार्टी
23. सोहावन पासवान पब्लिक मिशन पार्टी
24. अशोक कुमार निर्दलीय
25. उषा देवी निर्दलीय
26. निता देवी निर्दलीय
27. पुनीत कुमार निर्दलीय
28. मिंटू कुमार निर्दलीय
29. मोहन बिंद निर्दलीय
30 मो. सुरखाब आलम निर्दलीय
31 रजनीश कुमार पासवान निर्दलीय
32. राकेश कुमार निर्दलीय
33. रामचन्द्र सिंह निर्दलीय
34. शैलेन्द्र चौधरी निर्दलीय
35. सुधीर कुमार निर्दलीय
2009 में जद यू प्रत्याशी कौशलेन्द्र ने ऐसे मारा था मैदान
2009 में जद यू व भाजपा साथ थी। प्रमुख प्रतिद्वंद्वी लोजपा राजद के सहयोग से मैदान में उतरी थी। उस बार भी लोजपा ने कुर्मी प्रत्याशी देकर सेंधमारी की कोशिश की थी, परंतु सफलता नहीं मिली। कुर्मी, कोईरी व अतिपिछड़ा मतदाताओं ने नीतीश कुमार पर ही भरोसा कायम रखा। इस जाति से किसी दूसरे क्षत्रप को उभरने नहीं दिया। वहीं चंडी से पूर्व विधायक अनिल ङ्क्षसह कोई मजबूत त्रिकोण नहीं बना सके। उन्हें मात्र 20 हजार 335 मतों से संतोष करना पड़ा था। जिसका सीधा फायदा जद यू प्रत्याशी कौशलेन्द्र कुमार को मिला था। उनके पक्ष में भाजपा के आधार वोट भी मजे में ट्रांसफर हुए थे। नतीजतन, कौशलेन्द्र कुमार ने 1 लाख 52 हजार 677 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी। मतों की संख्या के लिहाज से यह नालंदा के संसदीय चुनाव की सबसे बड़ी जीत थी। कौशलेन्द्र को कुल पड़े मतों का 52.65 फीसद मत मिला था। वहीं जीत का अंतर कुल पड़े मतों का 26.87 फीसद था। हालांकि उस चुनाव में नालंदा का मतदान प्रतिशत सबसे कम मात्र 33.05 फीसद रहा था। इस कारण इस जीत को बहुमत का फैसला नहीं माना गया था। नीतीश ने जब 2004 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा था तो 68.43 फीसद मतदान हुआ था। इसी तरह जार्ज फर्नांडीस के 1996, 1998 व 1999 के चुनाव में क्रमश: 75.94, 75.89 व 74.46 फीसद मतदान हुआ था।
2014 के लोकसभा चुनाव का परिणाम
दल प्रत्याशी मत प्रतिशत
जद यू - कौशलेन्द्र कुमार- 3,21,982 34.93
लोजपा- सत्यानंद शर्मा- 3,12,355 33.88
कांग्रेस- आशीष रंजन सिन्हा- 1,27,270 13.81
बसपा- संजय कुमार - 23,595 2.56
भाकपा माले- शशि यादव- 19477 2.11
नोटा- 5,452 0.59
जीत का अंतर- 9,627 1.05
कुल पड़े वोट- 9,21,761 47.22
2009 के लोकसभा चुनाव का परिणाम
दल प्रत्याशी वोट प्रतिशत
जद यू- कौशलेन्द्र कुमार 2,99,155 52.65
लोजपा- सतीश कुमार- 1,46,478 25.78
एलटीसीडी- अनिल ङ्क्षसह- 20,335 3.58
बसपा- देवकिशोर राय- 13,953 2.46
कांग्रेस- रामस्वरूप प्रसाद- 13,470 2.37
निर्दलीय- अरूण कुमार- 10,676 1.88
जीत का अंतर- 1,52,677 26.87
कुल पड़े वोट- 5,68,219 33.05
नालंदा लोकसभा क्षेत्र
कुल मतदाता : 21, 09,184
पुरुष मतदाता- 11,18074
महिला मतदाता- 9,91,035
थर्ड जेंडर- 75
2019 लोकसभा चुनाव में मतदान
कुल वोट पड़े- 10,30,929, प्रतिशत: 48.88, ईपीक वोटरों की संख्या: 5,76,670
कुल पुरुषों ने दिए वोट- 5,60,743, प्रतिशत : 50.15
कुल महिलाओं ने दिए वोट- 4,70186, प्रतिशत: 47.44
थर्ड जेंडर ने दिए वोट: 0 (शून्य)
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