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राजधानी एक्‍सप्रेस से करते हैं यात्रा, तो पहले पढ़ें ये खबर ...जानिए क्‍या होगी स्‍पीड

पटना मुगलसराय रेलखंड पर राजधानी व संपूर्ण क्रांति जैसी एलएचबी रैक वाली ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे के बजाय 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडऩे लगेंगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 09:17 AM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 09:24 PM (IST)
राजधानी एक्‍सप्रेस से करते हैं यात्रा, तो पहले पढ़ें ये खबर ...जानिए क्‍या होगी स्‍पीड
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पटना [जेएनएन]। पटना से मुगलसराय के बीच रेलवे ट्रैक को पूरी तरह बदल दिया गया है। इस रेलखंड पर ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकेंगी। मुख्य संरक्षा आयुक्त से अनुमति मिलते ही इस रेलखंड पर राजधानी व संपूर्ण क्रांति जैसी एलएचबी रैक वाली ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे के बजाय 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौडऩे लगेंगी। इसका असर यह होगा कि पटना से दिल्‍ली जाने में अब 2 घंटे कम समय लगेंगे। ये बातें बुधवार को राजेंद्र नगर टर्मिनल पर संवाददाताओं से पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने कहीं।

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उन्होंने कहा कि मुगलसराय-धनबाद के बीच ग्रैंड कॉर्ड रेल लाइन पर बन रही तीसरी लाइन का निर्माण कार्य द्रुत गति से चल रहा है। सोन नदी पर बने रेल पुल के कारण तीसरी लाइन के निर्माण में तकनीकी बाधाएं आ रही थी, जिसे दूर कर लिया गया है। शीघ्र ही तीसरी रेल लाइन से परिचालन शुरू हो सकता है। पूर्व मध्य रेल के सभी स्टेशनों की साफ-सफाई ही नहीं यात्री सुविधाओं पर रेलवे की ओर से विशेष ध्यान दिया जाएगा। ट्रेनों के परिचालन में संरक्षा से खिलवाड़ पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। त्रिवेदी ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर बुजुर्ग व दिव्यांग यात्रियों की सुविधा को एस्केलेटर अथवा लिफ्ट लगाई जा रही हैं। शुद्ध पेयजल सस्ते दर पर मुहैया कराया जा रहा है।

शीघ्र शुरू होगा निर्माण

महाप्रबंधक ने कहा, झाझा-मुगलसराय के बीच तीसरी रेल लाइन के निर्माण का कार्य भी शीघ्र ही शुरू किया जा सकता है। सर्वे कार्य जारी है। पहले जहां पॉवर कार लगाकर ट्रेनों के एसी व पंखे चलाए जाते थे। अब इसे नई तकनीक एचओजी के जरिये सीधे इंजन से बिजली की आपूर्ति लेकर चलाया जा रहा है। इससे लाखों लीटर डीजल की बचत हो रही। ट्रेनों के बेडरॉल की धुलाई मेकेनाइज्ड लाउंड्री से कराई जा रही है जिससे बेहतर सफाई हो रहे हैं।

उत्तर बिहार में बाढ़ से रेलवे को काफी तबाही का सामना करना पड़ा था। रेलवे की ओर से बाढ़ से कम से कम क्षति हो इसके लिए आइआइटी रूड़की के विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। वहां तेजी से बाढ़ से बचाव पर मंथन चल रहा है। शीघ्र ही बाढ़ से होने वाली व्यापक क्षति को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। इतना ही बाढ़ के दौरान ट्रेन सेवा को भी प्रभावित होने नहीं दिया जाएगा।


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