Move to Jagran APP

कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को मुफ्त पढ़ाएगा केंद्रीय विद्यालय, इनकी सिफारिश पर होगा नामांकन

केंद्रीय विद्यालय संगठन ने बड़ा फैसला लिया है। कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्‍चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। ऐसे बच्‍चों को 12वीं तक की पढ़ाई के लिए न तो ट्यूशन फीस देना होगा और न कंप्‍यूटर फीस।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Wed, 02 Mar 2022 07:39 AM (IST)Updated: Wed, 02 Mar 2022 02:38 PM (IST)
केंद्रीय विद्यालय में होगा अनाथ बच्‍चों का नामांकन। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण (Coronavirus) के कारण अनाथ हुए बच्चों को अब केंद्रीय विद्यालय संगठन (Kendriya Vidyalaya Sangathan)  मुफ्त में एक से 12वीं तक की शिक्षा प्रदान करेगा। संगठन ने देश भर के केंद्रीय विद्यालयों के प्रिंसिपल को निर्देश दिया है कि वे अनाथ बच्चों का मुफ्त नामांकन लें और 12वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था करें। संगठन ने स्पष्ट किया कि अनाथ का मतलब बच्चे के माता-पिता दोनों की मौत से है। इस  स्थिति में ही मुफ्त में पढ़ाई की व्यवस्था की जाएगी। अनाथ बच्चों का नामांकन प्रधानमंत्री केयर फार चिल्ड्रेन स्कीम (Prime Minister Care for Children Scheme) के तहत लिया जाएगा। यह व्यवस्था तत्काल लागू कर दी गई है।

loksabha election banner

डीएम की सिफारिश पर होगा नामांकन

केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड के प्राचार्य पीके सिंह का कहना है कि जिलाधिकारी (DM) की सिफारिश पर केंद्रीय विद्यालय में अनाथ बच्चों का नामांकन होगा। बच्चे की उम्र के अनुसार कक्षा में नामांकन लिया जाएगा। एक विद्यालय में हर कक्षा में सिर्फ दो अनाथ बच्चों का नामांकन हो सकता है। एक कक्षा में दो से ज्यादा बच्चे होने पर दूसरे विद्यालय में नामांकन लेना होगा। एक केंद्रीय विद्यालय में अधिकतम 10 अनाथ बच्चों का नामांकन लिया जाना है। अनाथ बच्चों से न तो ट्यूशन फीस ली जाएगी न ही कंप्यूटर फीस।

पटना जिले में हैं सात अनाथ बच्चे

पटना जिले में कोरोना के कारण सात बच्चे अनाथ हो गए। वे अपने स्वजनों के यहां रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। सरकार की यह योजना अनाथ बच्चों के लिए वरदान साबित हो सकती है। ऐसे बच्‍चे 12वीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय में कर पाएंगे तो वे आगे चलकर अपना भविष्‍य संवार पाएंगे। बिहार भर में कई ऐसे बच्‍चे हैं जिनके माता-पिता दोनों की मौत कोरोना महामारी के कारण हो गई थी। ऐसे बच्‍चों को बेहद विषम स्थि‍त‍ि का सामना कर पड़ रहा था। लेकिन केंद्रीय विद्यालय उनके लिए आशा की किरण बनकर आया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.