Move to Jagran APP

कृषि मंत्री बोले, आवेदन के दो हफ्ते के भीतर किसानों को केसीसी दें बैंक

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभुकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) आवेदन के दो सप्ताह बाद जारी करें।

By Edited By: Published: Sat, 16 May 2020 12:59 AM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 09:21 AM (IST)
कृषि मंत्री बोले, आवेदन के दो हफ्ते के भीतर किसानों को केसीसी दें बैंक
कृषि मंत्री बोले, आवेदन के दो हफ्ते के भीतर किसानों को केसीसी दें बैंक

पटना। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के सभी लाभुकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का लाभ देना है। प्रदेश में अभी इसके तीन लाख 20 हजार से ज्यादा आवेदन लंबित हैं। कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बैंकों से आग्रह किया है कि आवेदन के 14 दिनों के भीतर किसानों को केसीसी उपलब्ध करा दें। शुक्रवार को कृषि मंत्री ने राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की कृषि एवं पशुपालन उपसमितियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा बैठक की। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि 31 मार्च तक दस लाख किसानों को केसीसी देना था, किंतु अभी उपलब्धि मात्र 17.23 फीसद है।

loksabha election banner

बैठक में कृषि सचिव एन. सरवण कुमार के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड एवं अन्य बैंकों के अधिकारी मौजूद थे। समीक्षा के दौरान पता चला कि एग्री टर्म लोन, कृषि यंत्रीकरण योजना, संयुक्त देयता समूह, कृषि आधारभूत संरचना, स्टोरेज फैसलिटी, डेयरी, फिशरी, पॉल्ट्री अंतर्गत ऋण वितरण की स्थिति की भी समीक्षा की गई। इनकी उपलब्धि लक्ष्य के कम होने पर कृषि मंत्री ने नाराजगी जताई। मंत्री ने बताया कि दो-तीन सालों के दौरान हुई बैठकों में लिए गए निर्णयों का बैंक पूरी तरह अनुपालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बैंकों से पशु, मछली और मुर्गीपालन के लिए ऋण देने का आग्रह किया। कृषि मंत्री ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में इस योजना के तीन लाख 70 हजार 504 आवेदन विभिन्न बैंकों में भेजे गए थे, जिनमें 50 हजार 678 आवेदन स्वीकृत हुए हैं। लंबित आवेदनों को समय सीमा के भीतर निष्पादित करने के साथ ही नए आवेदन भी लिए जाएं। 7 लाख 23 हजार मीट्रिक टन अनाज का हुआ उठाव - 2819 करोड़ रुपये का -एफसीआइ के महाप्रबंधक संदीप कुमार पाण्डेय बोले-बिहार में चावल व गेहूं के पर्याप्त भंडार पटना : कोरोना महामारी के विरुद्ध बिहार में जारी जंग में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) भी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। निगम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अप्रैल से जून तक के लिए बिहार में कुल 12 लाख 96 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन किया है जिसकी लागत 5 हजार 57 करोड़ रुपये है। 13 मई तक बिहार सरकार ने 7 लाख 23 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठाव कर लिया है। इसकी लागत 2819 करोड़ रुपये है। एफसीआइ (बिहार क्षेत्र) के महाप्रबंधक संदीप कुमार पाण्डेय ने बताया कि बिहार में खाद्यान्न के स्टॉक की कोई कमी नहीं है। सभी गोदाम अनाज से भरे पड़े हैं। महाप्रबंधक ने बताया कि बिहार में बफर स्टॉक बना रहे। इसके लिए लॉकडाउन की अवधि में 24 मार्च से 13 मई तक 344 मालवाहक ट्रेन द्वारा 9 लाख 30 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न मंगवाया गया। इसमें 6 लाख 65 हजार मीट्रिक टन चावल और 2 लाख 65 हजार मीट्रिक टन गेहूं शामिल है। यह अनाज पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और छतीसगढ़ आदि राज्यों से मंगवाया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा अधिनियम के तहत भी बिहार सरकार द्वारा 10 लाख 69 हजार मीट्रिक टन अनाज का उठाव किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.